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ईरान के इस एक कदम की वजह से खटाई में पड़ सकती है परमाणु डील, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने जताई चिंत

 







ब्रिटेन फ्रांस और जर्मनी ने ईरान के हालिया रुख पर गंभीर चिंता जताई है। इन देशों का कहना है कि ईरान द्वारा अधिक यू‍रेनियम संवर्धन करने से परमाणु वार्ता पर संकट आ सकता है। आपको बता दें कि परमाणु डील को लेकर छह दौर की वार्ता हो चुकी है।


लंदन (एएफपी)। परमाणु संधि से पूर्व ही ईरान मुश्किलों में घिरता दिखाई दे रहा है। दरअसल ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए यूरेनियम का अधिक संवर्धन करने पर गहरी चिंता और नाराजगी व्‍यक्‍त की है। इन देशों का ये भी कहना है कि ईरान के इस कदम से परमाणु डील को लेकर होने वाली वार्ता पर संकट के बादल छा सकते हैं।

आपको बता दें कि ईरान के साथ होने वाली परमाणु डील को लेकर वियना में अब तक छह दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि अब तक हुई वार्ताओं से किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। पिछले माह हुई अंतिम वार्ता में ईरान की तरफ से कहा गया था कि वो इस डील को लेकर अपनी राय बना चुका है और फैसला भी कर चुका है। इस पर अब फैसला लेने की बारी अन्‍य देशों की है।

गौरतलब है ईरान और अमेरिका के बीच वर्ष 2015 में बराक ओबामा प्रशासन के दौरान परमाणु डील हुई थी। इस डील पर इन दोनों देशो के अलावा संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्‍य देश और कुछ यूरोपीयन यूनियन के देशों ने भी दस्‍तखत किए थे। उस वक्‍त राष्‍ट्रपति ओबामा ने इसको ऐतिहासिक संधि करार दिय

लेकिन उसके बाद जब डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमेरिका की सत्‍ता संभाली तो उन्‍होंने इस डील को सबसे बेकार बताते कहा था कि इससे अमेरिका का कोई फायदा नहीं होगा लेकिन नुकसान जरूर होगा। इसके बाद वर्ष 2018 में उन्‍होंने इस संधि से नाता तोड़ते हुए अमेरिका को अलग कर लिया था।

वर्ष 2019 में ईरान ने भी इस संधि से खुद को अलग करते हुए अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का एलान किया था। हालांकि अमेरिकी राष्‍ट्रपति के चुनाव के दौरान ही जो बाइडन ने साफ कर दिया था कि वो चाहते हैं कि ईरान एक बार फिर इस संधि में शामिल हो और अपने परमाणु कार्यक्रम को रोक दे। इसके बदले में ईरान ने सभी प्रतिबंधों को तुरंत हटाने की मांग भी कर डाली थी।




फिलहाल इस डील को लेकर असमंजस की ही स्थिति बनी हुई क्‍योंकि ईरान अब भी अपने हठ पर कायम है और साथ ही वो अधिक मात्रा में यूरेनियम संवर्धन कर रहा है। आपको बता दें कि यूरेनियम किसी भी परमाणु हथियार का सबसे प्रमुख अंग होता है।

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