ईरान का अमेरिका को मुँह तोड़ जवाब, अमेरिका हैरान
हिंद महासागर में खड़ा था अमेरिकी परमाणु युद्धपोत, ईरान ने की मिसाइलों की 'बारिश'ईरान ने हिंद महासागर में कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। इन मिसाइलों में से एक मिसाइल परमाणु बम से लैस अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज से मात्र 100 समुद्री मील की दूरी पर गिरीहिंद महासागर में खड़ा था अमेरिकी परमाणु युद्धपोत, ईरान ने की मिसाइलों की 'बारिश'अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के बीच ईरान ने एक साथ दर्जनों मिसाइलें दागकर अपने सबसे बड़े शत्रु को कड़ा संदेश दिया है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने शुक्रवार को 'ग्रेट प्रोफेट 15 युद्धाभ्यास को अंजाम दिया। इस दौरान रेगिस्तानी इलाके से मोबाइल लॉन्चर के जरिए दर्जनों मिसाइलों को एक साथ दागा गया। युद्धाभ्यास के दौरान ईरान ने दुश्मन पर बम बरसाने वाले आत्मघाती ड्रोन का भी दुनिया के सामने प्रदर्शन किया है। ईरान ने यह परीक्षण ऐसे समय पर किया है जब परमाणु हथियारों से लैस अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज इन दिनों हिंद महासागर में खड़ा है।
ईरानी मिसाइलों में एक मिसाइल अमेरिकी विमानवाहक पोत से मात्र 100 मील की दूरी पर गिरी ईरानी मिसाइलों के परीक्षण में बाल-बाल बचा जहा अमेरिका के फॉक्स टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की एक लंबी दूरी की मिसाइल हिंद महासागर में एक व्यापारिक जहाज से मात्र 20 मील की दूरी पर गिरी। यही नहीं उस समय मात्र 100 मील की दूरी पर अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज भी मौजूद था। इस मिसाइल परीक्षण के दौरान अमेरिका तथा ईरान के बीच तनाव और बढ़ गया है। अमेरिकी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि ईरान अक्सर मिसाइल परीक्षण करता रहता है और इससे घबराने वाली बात नहीं है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि व्यापारिक जहाज जो करीब 20 मील की दूरी पर था,उसके लिए खतरा हो सकता था। उन्होंने बताया कि कम से कम दो मिसाइलें हिंद महासागर में गिरीं और उनका मलबा हर तरफ फैल गया। एक अधिकारी ने कहा हम इस मिसाइल परीक्षण की अपेक्षा कर रहे थे।इससे पहले ईरान ने पिछले साल मई में कई मिसाइलों का परीक्षण किया था जिसमें से एक मिसाइल खुद उसी की युद्धपोत पर जा गिरी थी। इसमें कई लोग मारे गए थे।ईरान के आत्मघाती ड्रोन ने दुनिया को दिखाया दम ईरान के इस साहसी क़दम से दुन्या हैरान मे है ईरान ने इस ड्रिल के दौरान अपने आत्मघाती ड्रोन का भीपरीक्षण किया। माना जाता है कि वर्ष 2019 में इसी तरह के ड्रोन के जरिए ईरान ने सऊदी अरब के तेल ठिकाने पर हमला किया था। ईरान ने लंबे समय तक इस बात का खंडन किया है कि उसने सऊदी ठिकाने पर हमला किया था। इस हमले का इतना भयानक असर हुआ था कि दुनियाभर में तेल आपूर्ति लड़खड़ा गई थी। इस हमले में आत्मघाती ड्रोन और क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था। सऊदी अरब और अमेरिका दोनों ने ही मिसाइल हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। शुक्रवार को हुए अभ्यास के दौरान सऊदी हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन की तरह से ईरानी ड्रोन ने कई ठिकानों को तबाह किया। ईरानी समाचार एजेंसी ने कहा कि इस ताजा युद्धाभ्यास में ड्रोन हमले के बाद नई पीढ़ी की सतह से सतह तक मार करने वाली किलर मिसाइलों का परीक्षण किया गया।अमेरिकी पैट्रियट सिस्टम को तबाह करने का परीक्षणजिससे अमेरिका की ताक़त को ख़त्म किया जा सके रिवोल्यूशनरी गार्ड ने कहा कि ये मिसाइलें अलग होने वाले वॉरहेड से लैस थीं और वातावरण के बाहर से भी नियंत्रण की जा सकती हैं। परीक्षण के दौरान ईरानी ड्रोनों ने काल्पनिक शत्रुओं के सैन्य ठिकाने को मटियामेट कर दिया। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी और ईरान विरोधी अन्य देश अमेरिका के पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। ईरान ने ड्रिल के दौरान इस सिस्टम को तबाह करने का भी परीक्षण किया। इस ड्रिल के दौरान रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर हुसैन सलामी और एयरफोर्स के चीफ भी मौजूद थे। सलामी ने कहा कि इस ड्रिल का मकसद ईरान और इस्लाम के दुश्मनों को यह संदेश देना है कि हम अपनी संप्रभुता की सुरक्षा करने में सक्षम हैं।उन्होंने कहा कि यह अभियान रिवोल्यूशनरी गार्ड की 'नई ताकत' और क्षमता को दर्शाता है।
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