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मैक्रॉन चीन का दौरा करेंगे, रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए शी से मदद मांगेंगे









फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को समाप्त करने में चीनी सरकार की मदद लेने के लिए वह अप्रैल में चीन का दौरा करेंगे।शनिवार को यह घोषणा चीन द्वारा 12-बिंदु स्थिति पत्र प्रकाशित करने के बाद हुई, जिसमें युद्धविराम और साल भर के संघर्ष को समाप्त करने के लिए "राजनीतिक समझौता" करने का आह्वान किया गया था।मैक्रॉन ने पेरिस में एक कृषि शो के मौके पर बोलते हुए कहा कि वह "अप्रैल की शुरुआत" में चीन का दौरा करेंगे।फ्रांसीसी नेता ने कहा, "तथ्य यह है कि चीन शांति प्रयासों में संलग्न है, यह एक अच्छी बात है,






 इस बात पर जोर देते हुए कि शांति तभी संभव है जब "रूसी आक्रमण को रोका जाए, सैनिकों को वापस लिया जाए, और यूक्रेन और उसके लोगों की क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान किया जाए"।उन्होंने कहा, "चीन को रूस पर दबाव बनाने में हमारी मदद करनी चाहिए ताकि वह कभी भी रासायनिक या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल न करे.और बातचीत की पूर्व शर्त के रूप में अपनी आक्रामकता को रोके।बीजिंग ने खुद को संघर्ष पर एक तटस्थ पक्ष के रूप में स्थापित करने की मांग की है, यहां तक ​​कि उसने रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा है और भारत में जी20 सभा में युद्ध की निंदा करने वाले एक संयुक्त बयान को विफल करने में मदद की है।संघर्ष की वर्षगांठ पर आनंद लिया, कहा कि युद्ध से किसी को लाभ नहीं होता है और सभी पक्षों से "एक ही दिशा में काम करने और जितनी जल्दी हो सके सीधी बातचीत फिर से शुरू करने में रूस और यूक्रेन का समर्थन करने का आग्रह किया।विदेश मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस योजना में रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों को समाप्त करने, नागरिकों को निकालने के लिए मानवीय गलियारों की स्थापना और व्यवधानों के बाद अनाज के निर्यात को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया गया है।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा संघर्ष में मास्को के परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने की धमकी के बाद परमाणु हथियारों को तैनात करने के उपयोग और खतरे के प्रति अपना विरोध भी स्पष्ट कर दिया।

इजराईल के मालवाहक जहाज़ पे फिर हमला







मकरान सी में इस्राईल का एक माल वाहक जहाज़ मीज़ाईल का निशाना बना।

फ़ार्स न्यूज़ के मुताबिक़, मकरान सी में एक मालवाहक जहाज़ गुज़र रहा था कि मीज़ाईल हमले का निशाना बना। इस जहाज़ को जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इस्राईली कंपनी का है, मीज़ाईल हमले में थोड़ा नुक़सान पहुंचा।

इजराईल ने इस हमले ठीकरा ईरान के मत्थे मड़ दिया,

इस्राईली चैनल-12 ने बताया कि उक्त जहाज़ तंज़ानिया से भारत जा रहा था कि मकरान सी में शिकार बनने के बाद, दोबारा अपने गंतव्य यानी भारत की ओर रवाना हो गया। 

इस्राईली मीडिया के मुताबिक़, उक्त जहाज़, एक्स-टी मनेजमंट कंपनी का है जिसका दफ़्तर अतिग्रहित फ़िलिस्तीन में है।

फ़ार्स न्यूज़ के मुताबिक़, मकरान सी में एक मालवाहक जहाज़ गुज़र रहा था कि मीज़ाईल हमले का निशाना बना। इस जहाज़ को जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इस्राईली कंपनी का है, मीज़ाईल हमले में थोड़ा नुक़सान पहुंचा।





इजराईल ने इस हमले ठीकरा ईरान के मत्थे मड़ दिया,

इस्राईली चैनल-12 ने बताया कि उक्त जहाज़ तंज़ानिया से भारत जा रहा था कि मकरान सी में शिकार बनने के बाद, दोबारा अपने गंतव्य यानी भारत की ओर रवाना हो गया। 

इस्राईली मीडिया के मुताबिक़, उक्त जहाज़, एक्स-टी मनेजमंट कंपनी का है जिसका दफ़्तर अतिग्रहित फ़िलिस्तीन में है।

अमेरिका का फिर घिसा पीटा बयान, गेंद ईरान के पाले मे







उन्होंने तेहरान के वक़्त के मुताबिक़, बुधवार की शाम को ब्रसल्ज़ में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में दावा कियाः “ईरान के संबंध में हम स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि कूटनीति का रास्ता साफ़ है।” उन्होंने कहाः “जब यूरोपीय संघ ने यह पेशकश रखी कि जेसीपीओए के सभी पक्ष एक साथ बैठ कर प्रतिबद्धताओं पर अमल की ओर लौटने की शैली के बारे में समीक्षा करें तो हमने सकारात्मक जवाब दिया लेकिन ईरान ने अब तक सहयोग न करने का रास्ता अपनाया है।” उन्होंने दावा किया कि “जैसा कि हम कह चुके हैं कि अब गेंद ईरान के पाले में है। अब देखना होगा कि क्या ईरानी कूटनीति का रास्ता अपनाते और समझौते का पालन करने की ओर लौटते हैं?





 

उन्होंने एक बार फिर अमरीका का यह दावा दोहरायाः “अगर यह न हुआ तो अमरीका, ईरान से ऐसे समझौते की कोशिश करेगा जिसकी मुद्दत लंबी हो और उसमें कुछ दूसरे विषय भी शामिल हों।” उन्होंने इन विषयों में, पश्चिम एशिया के दूसरे देशों को अस्थिर करने और बैलिस्टिक मीज़ाईल जैसे मामलों को शामिल बताया। ब्लिंकन ने ऐसी हालत में ईरान पर कूटनीति को पीठ दिखाने का इल्ज़ाम लगाया और गेंद को ईरान के पाले में बताया कि अमरीका ही वह देश था जिसने पहले परमाणु समझौते जेसीपीओए से निकल कर तेहरान के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर पाबंदियां लगायीं

उन्होंने एक बार फिर अमरीका का यह दावा दोहरायाः “अगर यह न हुआ तो अमरीका, ईरान से ऐसे समझौते की कोशिश करेगा जिसकी मुद्दत लंबी हो और उसमें कुछ दूसरे विषय भी शामिल हों।” उन्होंने इन विषयों में, पश्चिम एशिया के दूसरे देशों को अस्थिर करने और बैलिस्टिक मीज़ाईल जैसे मामलों को शामिल बताया। ब्लिंकन ने ऐसी हालत में ईरान पर कूटनीति को पीठ दिखाने का इल्ज़ाम लगाया और गेंद को ईरान के पाले में बताया कि अमरीका ही वह देश था जिसने पहले परमाणु समझौते जेसीपीओए से निकल कर तेहरान के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर पाबंदियां लगायीं

एटमि संघी मे सऊदी अरब की आमद ईरान को बर्दाश्त नहीं

 एटमि संघी मे सऊदी अरब की आमद    ईरान को बर्दाश्त नही


ईरानी वज़ीरे  खारजा के मुताबिक़ एटमि मोहायेदा की सलामती कोंसिल की क़रार दाद 1322 मे इक आलमी पैमाने पे. किया गया मोहायेदा है जिसमे शामिल मुल्क मे इज़ाफे और इन्हे तब्दील करने का सवाल ही नहीं है,



फ्रांस से अपने असलहा की बैचने के सम्बंध मे फिर से गौर करने को कहा
तहरान ईरान ने आलमी एटमि मोहयदा में सऊदी अरब को शामिल करने की फ्रांस सदर ईमा नोयल माइक्रो की इक तजवीद को नज़रअंदाज़ कर दिया, और कहा की इसमें ने कमी की जा सकती है ने ज़्यादती,
याद रहे की ईरान की एटमि प्रोग्राम को कम करने के लिए दुन्या की सुपर पावर मुल्क, अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, और जर्मनी के 2915 को इक संघी की थी, लेकिन अमेरिका के सदर ने इक संघी को निरस्त कर दिया, और ईरान मे सख्त पाबंदी लगा दी, पाबंदीओ के बाद ईरान ने अपना एटमि प्रोग्राम को आहे बढ़ाना शुरू कर दिया है,

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