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थाने में ही महिला डेस्क के सामने पुरुष सिपाहियों का अश्लील डांस, VIDEO हो रहा वायरल

राणा जी माफ करना.... 


सूत्रों से पता चला,

नए साल के जश्न में जहां आम लोग और बच्चे पार्टियां मनाते नजर आए।वहीं, पुलिस कर्मी भी पीछे नहीं रहे।नए साल के उपलक्ष्य में बदायूं के फैजगंज बेहटा थाने में एक समारोह का आयोजन रखा गया था।




बदायूं में फैजलगंज बेहटा थाने के कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं।वीडियो में पुरुष पुलिस वाले और कुछ बाहरी लोग महिला हेल्प डेस्क के सामने ही अश्लील डांस कर रहे हैं।वीडियो नए साल के जश्न का बताया जा रहा है।चर्चा यह भी है की डांस के दौरान ही शराब के जाम भी छलके।रात भर बाहरी लोगों ने थाने के अंदर ही उत्पात मचाया है। कुछ लोगों ने  वीडियो को एक्स पर पोस्ट करने के बाद बदायूं पुलिस के टैग किया है। इसका संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने जांच बैठा दी




बताया जाता है कि मामला फैजगंज बेहटा थाने से जुड़ा है। नए साल की पूर्व संध्या पर कुछ पुलिस कर्मियों ने थाना परिसर में समारोह का आयोजन किया था।जिसमें अपने परिचित और क्षेत्र के कुछेक संभ्रांत लोगों को बुलाया गया था।.जश्न मनाने के लिये थाने में ही डीजे और भोजन का प्रबंध किया गया था। जहां रात ढलते ही पुलिसकर्मियों ने डीजे पर जमकर डांस किया। इस दौरान महिला पुलिसकर्मी हेल्प डेस्क की छत पर नजर आईं। शायद वह इनका अश्लील डांस देखकर डेस्क छोड़कर ऊपर चली गई थीं।



पुलिस वालों के महिला हेल्प डेस्क के सामने ही अश्लील डांस करते हुए कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।एक वीडियो में राणा जी माफ करने का गाना बज रहा है।एक पुलिसकर्मी चुनरी लेकर मुंह ढंक रहा है और महिला बना हुआ है। एक अन्य पुलिसकर्मी उसके साथ अश्लील हरकतें करता दिख रहा है।


समारोह में ही शामिल कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस कर्मियों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। महिला डेस्क के सामने ही इस तरह की हरकतों का हर कोई अब गलत बता रहा है।एसओ ने बताया कि थाने में कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं था।थाने में पुलिसकर्मियों ने भोजन आदि की व्यवस्था की थी।पुलिस कर्मियों पर लगाये आरोप निराधार है।










घने कोहरे के बीच ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर कारों के ढेर में कई लोग घायल


घने कोहरे के कारण दृश्यता कम होने के कारण ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर एक कार आपस में भिड़ गई, जिससे कई लोग घायल हो गए।





घने कोहरे के कारण दृश्यता कम होने के कारण बुधवार सुबह ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर कई वाहन आपस में टकरा गए। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह करीब 8 बजे आगरा से नोएडा जाने वाली एक्सप्रेसवे लेन पर जेवर पुलिस थाने के अंतर्गत दयानतपुर इलाके में हुई इस घटना में कई लोग घायल हो गए।




अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ग्रेटर नोएडा) अशोक कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया, ''घटना में किसी भी व्यक्ति को घातक चोट नहीं आई, जबकि घायलों की संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि अधिकांश क्षतिग्रस्त वाहनों को हटा दिए जाने के बाद एक्सप्रेसवे पर यातायात फिर से शुरू हो गया।





एक प्रत्यक्षदर्शी रवि कुमार ने एएनआई को बताया,मेरे आगे वाली गाड़ी ने अचानक ब्रेक लगा दिया, जिसके कारण मैंने ब्रेक मारा और फिर मेरे पीछे कुछ तीन से चार गाड़ियां भी आपस में टकरा गईं।




दिल्ली सुबह से ही गंभीर कोहरे के संकट से जूझ रही है और कई हिस्सों में व्यवहार्यता शून्य या 50 मीटर से कम है।इस मुद्दे के कारण कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और उड़ानों के संचालन पर भी असर पड़ा है।दिल्ली एयरपोर्ट ने भी सुबह यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की.





राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में बुधवार को इस मौसम का सबसे बुरा कोहरा देखा गया। यूपी में दृश्यता कम होने के कारण राज्य भर में विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में छह लोगों की जान चली गई।




सूत्रों से पता चला की...

जहां बरेली जिले के हाफिजगंज में सड़क दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई, वहीं उन्नाव में कोहरे के कारण बसों के ढेर में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए। बागपत में एक वैन को ट्रक ने टक्कर मार दी,जिससे दो महिलाओं की मौत हो गई और 11अन्य घायल हो गए।







इटावा में जिले के जसवन्तनगर क्षेत्र के अंतर्गत आगरा-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार सुबह एक ट्रक की चपेट में आने से तीन लोग घायल हो गये।पुलिस ने बताया कि यह घटना तब हुई जब वे सड़क के किनारे खड़े थे।

उच्च न्यायालय ने राज्य के अन्य कॉलेजों के साथ मदरसों में उर्दू, अरबी और फारसी शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है।

उच्च न्यायालय ने राज्य के अन्य कॉलेजों के साथ मदरसों में उर्दू, अरबी और फारसी शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है। उच्च न्यायालय के वकील शहर नकवी की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश राजेश बुंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने यह मंजूरी दी। याचिकाकर्ता ने इससे पहले इस संबंध में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसे उसने फिर से याचिका दायर करने के लिए अदालत से अनुमति लेने के बाद वापस ले लिया। उक्त मुद्दे पर पुन: याचिका दायर की गई।


याचिकाकर्ता शहर नकवी का कहना है कि पटना या दो मुस्लिम युवक मदरसों में केवल उर्दू, अरबी और फारसी का अध्ययन। बानी को आधुनिक शिक्षा की जरूरत है जो अन्य कॉलेजों में दी जा रही है ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके, कुछ नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोल ने कोर्ट को बताया था कि मदरसों में सचिव मौलवी. और आलम की शिक्षा यूपी बोर्ड के जूनियर हाई स्कूल, हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के बराबर है। कोर्ट ने मदरसों में सरकार द्वारा दी जाने वाली शिक्षा और इससे जुड़े कानूनी पहलू की ओर भी ध्यान दिलाया। कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जनहित याचिका को सुनते हुए  खारिज कर दिया गया.


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