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चीन ने किस तरह कोरोना वायरस को किया क़ाबूः भारत के लिए केन्द्र द्वारा तय्यार योजना और लोकल स्तर पर ऐक्शन के लिए सबक








चीन ने किस तरह कोरोना वायरस को किया क़ाबूः भारत के लिए केन्द्र द्वारा तय्यार योजना और लोकल स्तर पर ऐक्शन के लिए सबक

चीन ने किस तरह कोरोना वायरस को किया क़ाबूः भारत के लिए केन्द्र द्वारा तय्यार योजना और लोकल स्तर पर ऐक्शन के लिए सबक़

ज़मीनी स्तर पर सबसे बड़ा योगदान आवासीय कमेटियों या रेज़िडेन्शल कमेटीज़ ने दिया।


20 अप्रैल को राष्ट्र के नाम संबोधन में भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को छोटी छोटी कमेटियाँ बनाने के लिए प्रेरित किया ताकि उसके ज़रिए कोविड-19 को क़ाबू करने के लिए अपनायी जाने वाली एहतियात के पालन को सुनिश्चित करें। उन्होंने राज्यों पर भी यह ज़िम्मेदारी डाली कि वे लॉकडाउन और दूसरे उपाय के लिए ख़ुद फ़ैसला करें। इस तरह केन्द्र सरकार ने विकेन्द्रित फ़ैसला लेने की नीति अपनायी जो पहली लहर की शैली के ख़िलाफ़ है। यह तो वक़्त आने पर पता चलेगा कि यह सही अप्रोच थी या नहीं। नीति बनाने वाले सामुदायिक संघटन इस वायरस पर जीत के अनुभव से सीख ले सकते हैं। आबादी की नज़र से भारत से तुलना पाने वाले चीन ने कोविड-19 को ज़्यादा तेज़ रफ़्तार से क़ाबू किया।


यह पैन्डेमिक, जो 2008 के सार्स संकट जैसी है, चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के वजूद की वैधता को बड़ी चुनौती दे सकती थी। इसलिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस चुनौती से निपटने के लिए सभी स्रोतों को इस्तेमाल किया।


ज़मीनी स्तर पर सबसे बड़ा योगदान आवासीय कमेटियों या रेज़िडेन्शल कमेटीज़ ने दिया। हालांकि ये कमेटियाँ न तो राज्य का भाग हैं और न ही इन्हें आत्म संचालन के संस्थागत वजूद के रूप में परिभाषित किया गया है, लेकिन इसके बावजदू, ये कमेटियाँ चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रभावी शासन और राजनैतिक नियंत्रण के औज़ार की तरह हैं।


चीन में जब कोविड-19 पैन्डेमिक फूटा था, शुरू के कुछ दिन छोड़ जब लोग ख़ुद से उपाय कर रहे थे, इस कमेटी ने ज़िम्मेदारी संभाली। मिसाल के तौर पर वुहान में 7148 सामुदायिक इकाइयों को निष्कृय बना दिया गया।


रेज़िडेन्शल कमेटीज़ आरसी या आवासीय कमेटियों के कार्यकर्ताओं ने घरों में रह रहे बुज़र्गों या ख़ुद से क्वारन्टीन कर रहे लोगों को हर दिन खाने की ज़रूरी चीज़ें पहुंचायीं। लोगों के संपर्क को ट्रेस करना, हर आने वाले व्यक्ति का रेकॉर्ड रखना, मरीज़ लोगों को सामुदायिक प्रबंधन में रखना और उन्हें क्वारंटीन के लिए नामित मेडिकल फ़ैसिलिटीज़ पहुंचाना भी इसके काम में शामिल था। बड़ी तादाद में युवाओं, कॉलेज स्टूडेंट्स और कभी कभी पार्टी के सदस्यों ने रेज़िडेन्शन कमेटीज़ में अपनी सेवाएं दीं। यह मॉडल पूरे चीन में अपनाया गया।


चुनौतियों के बावजूद पैन्डेमिक पर सफलता के साथ क़ाबू पाया गया और वूहान सहित चीन में दूसरी जगहों पर जश्न की तस्वीरों से दूसरों में बहुत उम्मीद जगी। इस बात में शक नहीं कि भारत की हालत ज़्यादा निराशाजनक है। सवाल यह पैदा होता है कि क्या चीन का मॉडल भारत की मौज़ूदा ख़तरनाक स्थिति के लिए सही विकल्प हैॽ बहुत से शहरी इलाक़ों में आवासीय संस्थाएं और स्थानीय प्रशासन है जो चीन की रेज़िडेन्शन कमेटीज़ की तरह क़दम उठा सकता है। हालांकि यह, केन्द्र द्वारा बनाए गए ऐक्शन प्लान के बिना सफल नहीं हो सकता, यही इस मॉडल का मुख्य आयाम है।


कोविड-19 पैन्डेमिक के स्वरूप के मद्देनज़र, केन्द्रीय नेतृत्व वक़्त का तक़ाज़ा है, जो पूरे देश में उपायों को समन्वित करे। समसे अहम बिन्दु यह है कि राजनैतिक आक़ा, ख़ुद मिसाल क़ायम करें। चुनावी फ़ायदे के लिए सामाजिक दूरी के मानदंड का मज़ाक़ उड़ाते हुए रैलियाँ करने से लोगों में, भरोसा पैदा नहीं होगा, जो पैन्डेमिक और आर्थिक तबाही की चक्की के दोनों पाट में पिस रहे हैं। (

रामदेव के संस्थानों में फूटा कोरोना बम












नए मामले
हरिद्वार, 18 अप्रैल (ब्यूरो) : योग गुरु स्वामी रामदेव
के संस्थानों में रविवार को कोरोना बम फूटा। पतंजलि योगपीठ
योग ग्राम और आचार्यकुलम तीनों जगह कोरोना के 39 नए
मामले सामने
आए। हरिद्वार . पतंजलि योगपीठ, योग
जिले में 634
ग्राम और आचार्यकुलम में
सामने आए हैं। सामने आए 39 नए मामले
पतंजलि
योगपीठ में कोरोना के 10 पॉजीटिव केस मिले हैं।
आचार्यकुलम में 9 मामले सामने आए हैं जबकि योगग्राम
में 20 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। तीनों ही योग गुरु
बाबा रामदेव के संस्थान है। इसके अलावा आईआईटी रुड़की
में कोरोना के 71 नए केस मिले हैं। 11 साधुओं में भी कोरोना
की पुष्टि हुई है। इनमें 9 साधु जूना और दो निरंजनी अखाड़े
के हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल हरिद्वार के एक डॉक्टर
भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं।रविवार को हरिद्वार जिले
में सबसे ज्यादा मामले रुड़की शहर में सामने आए। रुड़की
शहर में 267 नए केस मिले हैं, जबकि हरिद्वार शहर में 193
लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है।

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ममता बनर्जी और अमित शाह का एक दूसरे पे हमला तेज़


 ममता बनर्जी और अमित शाह का एक दूसरे पे हमला तेज़



 बीजेपी नेता रोड शो करने वालों, कोरोनोवायरस के प्रकोप के बीच बुजुर्गों की मौत का आरोप लगाते हैं

 टीएमसी के प्रमुख जुनीतमल एक्शन कमीशन ने किसी भी नेता के कोच के बिहार जाने पर रोक लगा दी

 पश्चिम बंगाल के कोच बिहार में कलकत्ता (एनी) सेंट्रल

 चाहिए  बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में मतदान

 सुरक्षा बलों द्वारा गोलाबारी करने पर चार लोग मारे गए

 कोख बिहार क्षेत्र में हिंसा और चार लोगों की मौत के दौरान

 राजनीति तेज हो गई।  एक ओर मुख्यमंत्री माता बनर्जी

 जारी हंगामे के बीच, एक्शन कमीशन ने कोई कार्रवाई नहीं की

 हिंसा के लिए भाजपा को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि भाजपा को निशाना बनाया जा रहा है

 एक राजनीतिक दल के कोच ने बिहार जाना बंद कर दिया है।  उत्साह

 जेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दीदी पर हमला किया

 आयोग के फैसले के बाद, सुश्री बनर्जी ने कार्रवाई का आह्वान किया

 घंटे हैं।  जबकि एक्शन कमीशन किसी भी राजनीतिक नेता के बिहार का कोच है

 आयोग का नाम बदलकर एमके किया जाना चाहिए।  उसने बोला

 जाने के लिए प्रतिबंधित है।  यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वेरोना वायरस

 APN शक्ति का उपयोग कर सकता है लेकिन दुनिया में कोई नहीं

 बड़े मुद्दे के दौरान, भाजपा नेता ने गृह मंत्री से मुलाकात की

 रोड शो किया

 ।  जिसमें बड़ी संख्या में लाेग शामिल हुए।  मंत्री

 मुझे भी अपने लोगों के पास जाने और उनके दर्द को साझा करने दें

 अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में चौथे चरण में प्रवेश किया

 रोक नहीं सकते  वह मुझे तीन दिनों के लिए कोच बिहार ले गया

 चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा 4 की हत्या

 आप भाइयों और बहनों के पास जाना बंद कर सकते हैं, लेकिन

 मैं चौथे दिन वहां जाऊंगा।

 माता बनर्जी को मौतों के लिए दोषी ठहराया गया है।

 उन्होंने कहा कि मेरा कदम बनरी के केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा उठाया गया था

 ममता बनरी

 पश्चिम बंगाल के कोच बिहार के पोलिंग बूथ को याद करें

 बाहर फायरिंग में चार लोग मारे गए हैं।  केंद्रीय

 घेराबंदी की अपील के कारण हुआ।  उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों के परिवारों से मिले।  मुख्यमंत्री मुताबनरजी ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और उनके मंचों पर कहा कि फायरिंग ड्यूरेसी के जरिए की गई थी।

 शाह ने कहा कि कामता बनर्जी ने सेंट्रल सिक्योरिटी आईक्यू की श्रृंखला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने घटना के संबंध में कोई एफआईआर दर्ज की है।  सूत्रों के अनुसार, मृतक की पहचान

 इस पर संदेह व्यक्त करते हुए कि क्या बलों की घेराबंदी का सुझाव उनके द्वारा दिया गया था या तेल, मंत्रिस्तरीय विशेषज्ञों ने कहा कि यह एक वास्तविक साजिश का परिणाम था।

 देश में हुई मौतों के लिए जरदारी जिम्मेदार हैं।  कई बार यह इन मुद्दों को एक अलग दिशा में ले जा सकता है।  उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ है।  बैरी ने वहाँ आने और जाने की घोषणा की

 उसने लोगों को किसी भी नज़र में ले जाने से रोक दिया है।  माना जा रहा है कि गोलीबारी के बाद, वे अप्रैल में बिहार जाएंगे और मृतकों को मार दिया जाएगा

 चार जवान मारे गए।  यह

 अमृत ​​शाह

 बनी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दुर्घटना में अपनी मौत की घोषणा की थी।  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में, ममता ने कमीशन का नाम बदलकर एमबीयानी मोदी कोड ऑफ कंडक्ट रखने के लिए आत्मरक्षा में गोली चलाई।

 बचाव में गोली मार दी।  यह बिल पर रोक लगाता है।  इस घटना के तुरंत बाद, माता बनर्जी ने रविवार को कोच बिहार बनर्जी के रूप में काम करते हुए कहा कि एशियाई निर्वाचन क्षेत्र के तहत माथा भंग में एक पंक केंद्र में केंद्रीय सुरक्षा

 अंबानी

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