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170 इराकी मिंबरान पलीमेंट का अमेरिका के इख़राज के मासोदे पे दस्तखत.

इराकी सदर से सऊदी शाह सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ की टेलीफोन पे गुफ़्तगू, खित्ते मे जारी खराब हालत को ख़त्म करने पे ज़ोर. 






बगदादी इराकी ज़राये के मुताबिक़ इराकी पलिमिंट के 170 नुमाईंदो ने इराक से अमेरिकी फ़ौज के इख़राज के मसौदे पे दस्तखत कर दिया हैं ये मसौदा इराकी पलिमिंट मे मंज़ूर होने के बाद नाफिज़ूल अमलहो जाएगा.
उधर सऊदी शाह सलामन ने खित्ते के नाज़ुक हालत पे तबादला खायल किया हैं .
उधर सऊदी अरब के वली  अहद मोहम्मद बिन सलमान ने भी इराक के वज़ीरे आज़म आदिल अब्दुल मेहदी के साथ गुफ़्तगू को फरोग मे दो तरफ़ा ताल्लुक़ात को फरोग़ देने के बारे मे बात. 

कासिम सुलैमानी और मोहनदीस की शहादत रायगा नहीं जाएगाी. मौलाना क़ाज़ी सय्यद बाक़िर मेंहदी

कासिम सुलैमानी और मोहनदीस की शहादत रायगा नहीं जाएगाी. मौलाना क़ाज़ी सय्यद बाक़िर मेंहदी. 



कजगांव सादात मासून्दा के इमाम जुमा 
और पानदरीबा मीरघर के रूहे रावा. 
क़ाज़ी सय्यद बाक़िर मेंहदी ने कहा की कासिम सुलैमानी और मुहान्दिस की सहादत ज़रूर रंग लाएगी क्यों की शहीद का ख़ून रायगा नहीं जाता है और इंशाअल्लाह अमेरिका के इस आतंगवादी हमले ने ये साबित कर दिया है की वोह खुला आतंगवादी है. जिसने isis से इराक की आज़ादी दिलाई और आतंगवादी के लिए दर्दे सीर थे उसी को धोके के शहीद कर देना एक बुज़दिलाना अमल है जो काइरो की अलामत है. 
और इंशाअल्लाह दुनया देखेगी की शैतान बुज़ुर्ग अपने इंजाम को ज़रूर पहुंचेगा.. 

अमेरिका और उपद्रवियों के खिलाफ बग़दाद की सड़कों पर उतराइराक

अमेरिका और उपद्रवियों के खिलाफ बग़दाद की सड़कों पर उतराइराक 

दुश्मन को अपने उद्देश्य मे आंशिक सफलता भी मिल गयी थी जब ईरान के वाणिज्य दूतावास और शहीद बाक़िर अल हकीम के मज़ार को उपद्रवियों ने आग लगा दी थी ।
विलायत पोर्टल :
प्राप्त जानकारी के अनुसार इराक के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को आरजकत की आग में झोंके जाने से नाराज़ इराक की जनता सरकार और इराक पार्लियामेंट से आयतुल्लाह सीस्तानी के दिशा निर्देशों पर पालन करने की मांग करते हुए साम्राज्यवाद और अमेरिका के खिलाफ सड़कों पर उतर आई ।
रिपोर्ट के अनुसार फिलिस्तीन रोड से भारी संख्या में तहरीर स्कवायर की ओर बढ़ रहे लोगों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों में घुस आए उपद्रवी तत्वों को ढूंढ कर बाहर निकाल फेंका जाए, यह मूवमेंट मरजईयत के उस बयान के बाद शुरू हुआ है जिस में आयतुल्लाह सीस्तानी ने कहा था कि जनता को जागरूक होनाहोगा और अपने बीच घुस आए उपद्रवियों को तलाश कर बहार निकाल फेंकना होगा ।
ज्ञात रहे कि हाल ही में अरब देशों के पैसों और अमेरिकी साज़िशों के अंतर्गत बहुत से नकाबपोश लोगों ने नजफ़ और कर्बला को विशेष निशाना बनाते हुए प्रदर्शनकारियों के बीच घुस कर हिंसा फ़ैलाने के प्रयास किए थे विशेष रूप से दुश्मन को अपने उद्देश्य मे आंशिक सफलता भी मिल गयी थी जब ईरान के वाणिज्य दूतावास और शहीद बाक़िर अल हकीम के मज़ार को उपद्रवियों ने आग लगा दी थी

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