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भारत के साथ संबन्ध अधिक विस्तृत किये जाएंः राष्ट्रपति रूहानी



  1. भारत के साथ संबन्ध अधिक विस्तृत किये जाएंः राष्ट्रपति रूहानी

भारत के साथ संबन्ध अधिक विस्तृत किये जाएंः राष्ट्रपति रूहानी

डा. हसन रूहानी ने तेहरान और नई दिल्ली के संबन्धों को अधिक से अधिक विस्तृत करने पर बल दिया है।


ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने तेहरान में भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर के साथ भेंट में कहा कि निश्चित रूप में ईरान और भारत के संकल्प से भविष्य में परस्पर संबन्ध और साझेदारी अधिक विस्तृत होगी।  उन्होंने कहा कि ईरान और भारत दोनों के लिए  क्षेत्रीय सुरक्षा की आपूर्ति विशेष महत्व रखती है।  हसन रूहानी ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, क्षेत्र विशेषकर फ़ार्स की खाड़ी और ओमान सागर में तनाव से दूरी व स्थाई शांति का पक्षधर है।  उन्होंने अन्य देशों के साथ ईरान और भारत की सहकारिता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अमरीका को अंततः ईरान के विरुद्ध अत्यधिक दबाव की नीति को त्यागना ही पड़ेगा।
इस भेंटवार्ता में भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर ने सरकारी और निजी क्षेत्रों में सहयोग में विस्तार पर बल दिया।  उन्होंने कहा कि ईरान और भारत के बीच प्राचीनकाल से मैत्रीपूर्ण संबन्ध रहे हैं।  उनका कहना था कि चाबहार के बारे में भारत और ईरान की सहकारिता तेज़ी से बढ़ रही है।  उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की परियोजनाओ को पूरा करने में तेज़ी लाई जाए

Sc st obc हिन्दू नहीं है?





संविधान के अनुच्छेद 330-342 से प्रमाणित है की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग “हिन्दू” नहीं हैं। यदि कोई अधिक ज्ञानी है तो प्रमाणित करके बताये कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग हिन्दू हैं। हिन्दू होने के कारण भारत में किसी को “आरक्षण” नहीं मिला है। सरकारी दस्तावेजों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों से, जो हिन्दू धर्म का कॉलम भरवाया जाता है, वह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 330 और 332 के अधीन अवैधानिक है। जिस पर माननीय न्यायालय में वाद लाया जा सकता है।
कुछ लोगों का मत है कि पहले जातिगत आरक्षण खत्म हो, तब जातिवाद अपने आप समाप्त हो जायेगा। मैं ऐसे अज्ञानी लोगों को बताना चाहूँगा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण किसी धर्म की विशेष जाति का भाग होने पर नहीं मिला है। अनु.जाति /जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लोग भारतीय मूलनिवासी हैं और उन पर “विदेशी आर्य संस्कृति” अर्थात “वैदिक संस्कृति” अर्थात “सनातन संस्कृति” अर्थात “ब्राह्मण धर्म” अर्थात “हिन्दू संस्कृति” ने इतने कहर जुल्म और अत्याचार ढाये, जिनको जानकर मन में अथाह दर्द भरी बदले की चिंगारी उठती है, जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता। कोई धर्म अपने धर्म के लोगों पर अत्याचार जुल्म और कहर ढा सकता है, ऐसे लोग समान धर्म के अंग कैसे हो सकते हैं?
जो हिन्दू शास्त्र अनु.जाति/जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को अपने धर्मग्रंथों द्वारा लिखित में अपमानित करते हों, ऐसे लोग (अपमान करने वाले और अपमानित होने वाले) समान धर्म का हिस्सा नहीं हो सकते हैं।
हमें आरक्षण इसलिए नहीं मिला है कि हम हिन्दू वर्ण-व्यवस्था और जाति-व्यवस्था के अंग हैं। ये जातियाँ ब्राह्मणों ने भारतीय मूलवासियों को गुलाम बनाने के लिये जबरदस्ती थोपी हैं ब्राह्मणों ने बहुजन लोगों पर जाति एवं वर्ण के आधार पर जो अत्याचार किये, उन अत्याचारों का आंकलन संविधान निर्माण कमेटी ने किया। उस आकलन के आधार पर भारतीय मूलवासियों को आरक्षण मिला है, न कि हिंदुओं की जातिव्यवस्था का अंग होने पर।

इराक की युद्ध की आग भड़की तो सबसे पहले अमेरिका जलेगा : हिज़्बुल्लाह

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इराक की युद्ध की आग भड़की तो सबसे पहले अमेरिका जलेगा : हिज़्बुल्लाह

हिज़्बुल्लाह ने कहा कि अगर ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो देश का कोई भाग सुरक्षित नहीं रहेगा और इस आग में सबसे पहले जिसे जलना है वह अमेरिकी और सद्दाम और बॉथ के वफादार तथा उपद्रवी और हिंसा फैला रहे उन्मादी लोग हैं ।
विलायत पोर्टल : प्राप्त जानकारी के अनुसार इराक में आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले सशस्त्र दल हिज़्बुल्लाह इराक ने देश में जारी  संकट में अमेरिका और उसके पिछलग्गू देशों की नकारात्मक भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर देश इसी तरह अराजकता का शिकार रहा और गृहयुद्ध की ओर बढ़ता है तो फिर लॉजिक और तार्किक वार्ता तथा न्याय का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा और ना ही यह बातें प्रभावी हो पाएंगी ।
हिज़्बुल्लाह ने कहा कि अगर ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो देश का कोई भाग सुरक्षित नहीं रहेगा और इस आग में सबसे पहले जिसे जलना है वह अमेरिकी और सद्दाम और बॉथ के वफादार तथा उपद्रवी और हिंसा फैला रहे उन्मादी लोग हैं ।
याद रहे कि कल रात नजफ़ में स्थित ईरानी वाणिज्य दूतावास को नकाबपोश लोगों ने हमलों का निशाना बनाया था, जिसे इराक में प्रतिबंधित सऊदी अरब के अल अरेबिया चैनल ने लाइव प्रसारित किया था ।

फ़ज़ीलते हामिलाने क़ुरान

                   फ़ज़ीलते हामिलाने क़ुरान
माहे रमज़ानुल मुबारक जसमे इंसान के  सारे गुनाह अल्ल्हा मुआफ़ कर देता है. अल्ल्हा इस महीने मे रहमत के दरवाज़े वा कर देता है. और ज़ब कोई क़ुरान की तिलावत कर ता है तो अल्ल्हा अपने बंदे से गोया गुफ़्तगू करता है.
इसी सिलसिले से रसूले खुदा ने फ़रमाया है की...
मेरी उम्मत के अशराफ और बुज़ुर्ग वो लोग है जो हामिलाने क़ुरान और इबादत मे शब्बेदार है.
हामिलाने क़ुरान अहले बहिश्त के बुज़ुर्ग है.

फ़ाज़िलाते क़ुरान

माहे रमज़ान और फ़ज़ीलते क़ुरान 

  क़ुरान अल्ल्हा की वाह अज़ीम कितना है जिसे जितना इंसान तिलावत करता है उसे उतना सुकून इल्म दिल की ठंडक रोशनी हिदायत मार्फत अता होती है... क़ुरान का पड़ना सुनना देखना सब बाइसे फ़ज़ीलत है. 

रसूले खुदा ने फ़रमाया का फरमान है की अगर तुम पर कोई अम्र मानींद शबे तरीक मशकूक ओ मुश्तबा हो तो क़ुरान का मुनव्वर तरीन चिराग तुम्हारे लिए ईशतेबा के दूर करने को काफ़ी है. 

ये मुजादेला (लड़ाई खु रेज़ी )मे कामयाब करने वाला मसाएल मे मंज़िले तस्दीक़ तक पहुँचाने वाला जन्न्त की सही राह दिखाने वाला ग़ाफ़िके क़ुरआन को जहन्नम मे ले जाने वाला. ये बेहतरीन रहनुमा है और रहबर है.ये वाह किताब है जिसमे तमाम अहकामात की तफ्सील और बयान है. इसमें दो क़िस्म के अहकाम है. ज़ाहिर बातिन. इसका ज़ाहिर अहकाम अहकामे अलाही से मम्लू और इसका बातिन उलूमे ला इम्तेनाही से पुर है. ज़ाहिर खुश आईंंद है और बातिन अमीक़. इसके कुछ नाजूमो कवाकिब है जो इसके रहबर व रहनुमा है और इस नजूम के कुछ और नजूम है यानी आईम्मा ताहेरीन जो गुमराहियो को राहें रास्त पे लगाते है. इन्ही के पास इल्मे क़ुरआन है इन्ही से इल्म हासिल किया जा सकता है यही उस को लोगो तक पहुंचाने वाले है सूरए बरात कह रहा है इसको रसूल पहुंचा सकता है ya नफ़्से रसूल 

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