रसूले खुदा की एक लौती बेटी जनाबे जनाबे फातिमा के सिलसिले से मदर डे मनाया गया
रसूले खुदा की एक लौती बेटी जनाबे फातिमा की पैदाइश पर ईरान मे मदर डे मनाया गया
जर्मन की एक औरत ने इस मौके पे इस्लाम क़ुबूल किया
और अपना नाम फातिमा रखा
ईरान मे इस्लाम के सबसे बड़े पैग़म्बर हज़रत रसूले खुदा की की एक लौती बेटी जनाबे फातिमा ज़हरा के यौमे पैदाइश के मौके पे मदर डे मनाया गया, और बताया गया की इनकी ज़िन्दगी को औरतों के लिए आइडियल है,
कोई औरत उस वक़्त तक कामयाब नहीं हो सकती ज़ब तक जनाबे फातिमा के रास्ते पे चलने की कोसिस ने करें,
याद रहे की हज़रत फातिमा ज़हरा की पैदाइश मक्के मे हुई, इनकी माँ का नाम ख़ातिजातुल कुबरा था, जो अरब की सब से अमीर औरत थी,
जिन्होंने अपनी सारी दौलत गरीबो मे बात दी, और इंसानियत को बचा लिया,
इनकी शादी हज़रत अली से हुई, जो मुसलमानो के पहले ईमाम है, इनके दो बेटे था,
ईमाम हसन और इमामे हुसैन
और दो बैटिया थाई जनाबे ज़ैनब जनाबे उम्मे कुलसूम,
हज़रत फातिमा से ही नस्ले सदात चल रही है,
इनकी ज़िन्दगी चाहे, माँ का किरदार हो बेटी का किरदार हो
या बीवी का किरदार हो
हर किरदार मे इनका कोई मुक़ाबला नहीं कत सकता,
रसूले खुदा इनके अहतेराम पे उठ जाया करते थे,
ईमाम अली से कभी कोई ख्वाहिश नहीं की चाहे जैसे हालात हो, फाके मे अल्ल्हा का शुक्र करती थी, रात भर इबादत करती थी, अगर कोई फ़क़ीर दरबाज़े पे आ जाए तो जो कुछ होता उसे दे देती थी, ज़ब आप की शादी हुई, तो आप ने अलखा की राह मे अपना शादी का जोड़ा भी दे दिया और शुक्रे खुदा किया,
अपने शोहर के हर दुख दर्द मे साथ देती थी,
Social Plugin