सूत्रों से पता चला की,,,बहराइच की महसी विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक सुरेश्वर सिंह को बड़ी राहत मिल गई है। एसडीएम को धमकी के मामले में मिली दो साल की सजा पर सत्र न्यायालय ने रोक लगा दी है,इससे उनकी विधायकी फिलहाल बच गई है।
जिला सत्र न्यायाधीश उत्कर्ष चतुर्वेदी ने महसी विधानसभा के भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह की दो वर्ष की सजा के आदेश पर रोक लगाई है। विधायक की ओर से सोमवार को दायर याचिका को मंजूर कर सजा के क्रियान्वयन पर अपील के निस्तारण तक रोक लगा दी गई है।सोमवार को विधायक व हजारों समर्थक कड़कड़ाती ठंड में कोर्ट के फैसले का इंतजा करते दिखे।सजा पर रोक लगने से उनकी विधायकी फिलहाल बच गई है। दो साल या उससे अधिक की सजा पर विधायकी चली जाती है।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चार जनवरी को महसी एसडीएम को धमकाने व सरकारी कार्य मे बाधा उत्पन्न करने के मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई थी। ढाई हजार का जुर्माना लगाया था। एसीजेएम के आदेश के विरुद्ध भाजपा विधायक ने जिला सत्र न्यायाधीश की कोर्ट पर अपील की। जिस पर सुनवाई के उपरांत अपील को स्वीकार कर सजा के क्रियान्वयन पर अपील के निस्तारण तक रोक लगा दी गई है। न्यायाधीश ने विधायक को निजी मुचलके के साथ दो जमानत दाखिल करने व तत्कालीन एसडीएम को तीन दिन में सूचित करने का आदेश दिया।
इस प्रकरण की सुनवाई 29 जनवरी 24 की तारीख नियत की गई है। अपील में विधायक के अधिवक्ता ने जनप्रतिनिधि होने तथा पारिवारिक पृष्ठभूमि का उल्लेख किया। साथ ही अपील में कहा कि सजा पर रोक न लगी तो विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी। न्यायाधीश ने अपील की ग्राह्यता को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के राहुल गांधी बनाम पुरनेश भाई मोदी आदि निर्णयों को उधृत किया। मामले की सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में विधायक के समर्थक मौजूद रहे।
क्या है मामला
हरदी थाने के महसी एसडीएम कार्यालय में दो सितम्बर 2002 को दोपहर लगभग एक बजे तत्कालीन एसडीएम लालमणि मिश्रा एक विवाहिता के अपहरण मामले में बरामदगी के बाद एक माह तक लखनऊ के नारी संरक्षण गृह में रहकर युवती का बयान दर्ज कर रहे थे। थाने में युवती के पा ऐप पर पढ़ें से एफआईआर दर्ज कराई गई थी। विशेष लोक अभियोजक क्रिमिनल महेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम ने अर्दली को कक्ष के दरवाजे पर खड़ा किया था कि कोई व्यक्ति अंदर न आने पाए।
इसी दौरान महसी विधायक सुरेश्वर सिंह जबरन कमरे में घुसे। आरोप है कि उन्होंने एसडीएम से अभद्रता की। बाहर आने पर देख लिए जाने की धमकी दी। जिस पर एसडीएम के मौखिक आदेश पर तत्कालीन व अब रिटायर्ड एसएचओ उमाकांत दुबे ने हरदी थाने में विधायक सुरेश्वर सिंह के विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा, धमकी, गाली-गलौज व सेवेन क्रिमिनल लॉ एमेंडम् एक्ट में केस दर्ज कराया।
इस मामले में विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई, जिसका कोर्ट ने संज्ञान लिया। नामजद आरोपी विधाय सुरेश्वर सिंह ने आरोप गलत बताते हुए परीक्षण की मांग की। जिस पर कोर्ट में परीक्षण हुआ। इस मामले में गवाह के रूप में सहायक अभिलेख अधिकारी बसंत कुमार सैनी, तत्कालीन एसएचओ उमाकांत दुबे, थानाध्यक्ष हरप्रसाद, उपनिरीक्षक श्याम नारायण राम, एसडीएम लालमणि मिश्र के बयान दर्ज हुए।
इस मामले में शुक्रवार को जज ने बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक क्रिमिनल महेन्द्र कुमार सिंह के तर्कों को सुना। इसके बाद आरोपी महसी विधायक सरेश्वर सिंह को दो वर्ष की सजा, ढाई हजार जुर्माना लगाय ऐप पर पढ़ें जुर्माना अदा न करने पर सात दिवस का अतिरिक्त कारावास काटने का भी निर्देश दिया था।
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