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सीरिया और सऊदी अरब के बीच राजनयिक गतिविधियां फिर से शुरू

 



सीरिया और सऊदी अरब के बीच राजनयिक गतिविधियां फिर से शुरू राजनयिक सेवाओं की बहाली से सऊदी अरब और सीरिया के लोगों के बीच भ्रातृ संबंधों और क्षेत्रीय सुरक्षा" को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।


रियाद (एजेंसी)सूत्रों द्वारा,,सऊदी अरब ने कहा है कि वह अपने राजनयिकों को दमिश्क में काम फिर से शुरू करने की अनुमति देगा। सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक,विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि सऊदी अरब ने सीरिया में अपने राजनयिक मिशन में काम फिर से शुरू करने का फैसला किया है. मिस्र की राजधानी काहिरा में अरब लीग के विदेश मंत्रियों की बैठक के कुछ दिन बाद विदेश मंत्रालय ने यह घोषणा की। इस बैठक में अरब लीग ऑफ सीरिया के फिर से शामिल होने पर सहमति बनी है। बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब संयुक्त अरब कार्य योजना को बढ़ावा देने की कोशिश करेगा। हाल ही में अरब लीग की बैठकों और फैसलों का हवाला देते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा कि समूह की बैठकों और संगठनों में सीरिया की भागीदारी पर प्रतिबंध हटा दिया गया है और वह अब इसकी बैठकों में भाग ले सकता है।इसमें कहा गया है कि राजनयिक सेवाओं की बहाली से सऊदी अरब और सीरिया के लोगों के बीच भाईचारे के संबंधों और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।अप्रैल में दमिश्क में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान से मुलाकात के कुछ सप्ताह बाद यह कदम उठाया गया है। 2018 में सीरिया में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद सऊदी विदेश मंत्री की यह पहली ऐसी यात्रा है


बशर अल-असद क्षेत्र में राजनीतिक रूप से अलग-थलग रहे, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में, सऊदी अरब और ईरान के बीच संबंधों को बहाल करने के फैसले के बाद सीरिया को अरब मुख्यधारा में वापस लाने के लिए कूटनीतिक गतिविधि तेज हो गई है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अरब लीग, जिसमें वामपंथी सदस्य देश शामिल हैं, ने मार्च 2011 में असद शासन के शांतिपूर्ण विरोध के खिलाफ खूनी कार्रवाई की भूमिका में सीरिया की सदस्यता को निलंबित कर दिया था।




शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यह कार्रवाई बाद में पूर्ण पैमाने पर युद्ध में बदल गई और अब तक पांच लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। सऊदी अरब ने 2013 में बशर अल-असद की सरकार से संबंध तोड़ लिए थे। अब राष्ट्रपति असद को उम्मीद है कि खाड़ी देशों के साथ संबंधों को सामान्य करने से आर्थिक राहत मिल सकती है और पुनर्निर्माण के लिए धन मिल सकता है, संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित संघर्ष के राजनीतिक समाधान के रूप में उपलब्ध कराया जा सकता है। सीरिया में सशस्त्र संघर्ष की शुरुआत के बाद से, अधिक अंतरराष्ट्रीय फंडिंग के बिना यह असंभव हो गया है।

सऊदी अरब के एयरबेस पर यमन का हमला, सऊदी गठबंधन का वरिष्ठ कमांडर ढेर,



यमनी सेना के प्रवक्ता यहया सरी ने रविवार की सुबह बताया है कि यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों की एक संयुक्त कार्यवाही में ड्रोन विमानों ने सऊदी अरब की हवाई छावनी "मलिक ख़ालिद" पर हमला किया और यह हमला सटीक निशाने पर लगा।

लगातार उस जंग मे सऊदी को मुँह की खानी पढ़ रही है, जहा इक तरफ सऊदी दुन्या के सामने अपने आप को मज़लूम दिखाने की कोशिश कर ता है वही दूसरी तरफ यमन को चारो तरफ से घेरने की कोशिश जारी रखे हुए है जिसकी वजह से वहा दवा, और गल्ले की काफ़ी कमी है, और बहुत लोग इस मुसीबत मे घिरे है 

समाचार एजेंसी फ़ार्सी की रिपोर्ट के मुताबिक़, यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता यहया सरी ने रविवार सुबह तड़के घोषणा की कि, यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों ने ख़मीस मशीत इलाक़े में स्थित सऊदी गठबंधन की सबसे महत्वपूर्ण एयरबेस मलिक ख़ालिद को क़ासिफ़-K2 नामक ड्रोन विमानों से निशाना बनाया है। इस जवाबी कार्यवाही में ड्रोन विमान सटीक तरीक़े से अपने लक्ष्यों को निशाना बनाने में कामयाब हुए हैं। इस बीच यह भी सूचना प्राप्त हुई है कि, मारिब प्रांत में यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों के साथ हुई झड़प में सऊदी गठबंधन का एक वरिष्ठ कमांडर और तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश का एक सरग़ना मारा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सऊदी गठबंधन का ब्रिगेडियर जनरल सालेह दरहम अलरेमादी और यमन में आतंकी गुट दाइश के ख़ुफिया विभाग का उप प्रमुख सैफ़ सनआनी मारिब प्रांत में यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियान के दौरान मारे गए हैं।

इस बीच सूचना मिली है कि दक्षिण यमन के अलज़ाले प्रांत में सऊदी अरब के भाड़े के लड़ाकों द्वारा की जा रही एक साज़िश को यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों ने नाकाम बना दिया है। समाचार चैनल अलमसीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, यमनी सेना के एक अधिकारी ने बताया है कि, दसियों सऊदी एजेंट शनिवार की रात दक्षिण यमन के अलज़ाले प्रांत के अलफ़ाख़िर और हबिया अलअबदी इलाक़े में घुसने का प्रयास कर रहे थे कि यमनी सेना ने स्वयंसेवी बलों के साथ मिलकर सऊदी अरब के भाड़े के लड़ाकों की साज़िश को नाकाम बना दिया। यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों की इस कार्यवाही में दसियों सऊदी एजेंट मारे गए और घायल हुए हैं

सऊदी अरब में आयल प्लांट पर हुसिओ का राकेट हमला

 सऊदी अरब में आयल प्लांट पर हूं हुसिओ का राकेट हमला

 सऊदी अरब में तेल की आयल प्लांट पर यमन की खुशियों ने रॉकेट हमला किया और आयल प्लांट पर गिरने वाले रॉकेट के टुकड़े से कोई जानी और माली ज्यादा नुकसान नहीं हुआ आलम आलिम इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक सऊदी अरब सऊदी अरब के मूल के रास तनुरा में तेल के आयल प्लांट में से एक पर रॉकेट हमले की हमले की तस्दीक करते हुए बताया कि राकेट को हवा में ही बेकार कर दिया गया इस इसके बाद कहा गया कि फिजा में ही तबाह होने वाले राकेट के टुकड़े आयल प्लांट पर गिरे जिससे कोई जानी और कोई माली नुकसान नहीं हुआ और तेल की सप्लाई पर कोई भी इसका असर नहीं हुआ है,

 उधर यमन में खुशियों ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया है कि राकेट हमले में आयल प्लांट का पाइप तबाह हो गया जिससे बड़ी मैदान में तेल बर्बाद हो गया प्लांट से तेल सप्लाई भी रुक गई है 

उत्तराखंड सुरंग मे फसे मज़दूरो को निकालने की कोशिश जारी,18 लाशें बरामद,200 ला पता

 उत्तराखंड सुरंग मे फसे मज़दूरो को निकालने की कोशिश जारी,18 लाशें बरामद,200 ला पता



उत्तराखंड मे हुए हादसे से  पूरा देश सदमे मे है, गेलेशियर के टूटने ऐ जहा एक तरफ सैकड़ो मज़दूर ला पता है वही लाशों के मिले का सिलसिला भी जारी है
हादसा इतना खतरनाक था की किसी भी को हिलने का भी मौक़ा नहीं मिला,


जहा एक तरफ मौत ने तांडव मचाया वही अब लाशों को ढूंढ़ने का मामला बहुत कठिन है, क्युकी मालबे की वजह से सुरंग का रास्ता अभी भी बंद है, भारत चीन मार्ग को जोड़ने वाले पुल भी छत्तीग्रस्त हो गया है, वही up के 27 ज़िलें मे अलर्ट जारी हो गया है,

जो बॉयडन ने सऊदी को दिया एक और झटका

 जो बॉयडन ने सऊदी को दिया एक और झटका




अमेरिका ने यमन जंग मे सऊदी अरब मदद ख़त्म करने का फैसला किया, ईरान को दी बड़ी राहत
अमेरिका के सदर जो बॉयडन की हुकूमत ने सऊदी हुकूमत को को एक  और झटका दिया है

अमेरिका ने जुमरात को ऐलान किया है की अमेरिका यमन जंग मे सऊदी अरब को कोई मदद नहीं करेगा,
अमेरिका के इस  फैसले से जहा सऊदी के हिमायत वाले मामालिक को झटका लगा है वही इए ईरान के लिए एक अच्छा क़दम भी माना जा रहा  है,
2014 मे यामानी हुकूमत और हूसी के बीच शुरू होने वाली जंग के बाद सऊदी ने 8 देश का गठबंधन त्यार कर लिया था,
और इस का इस्तेमाल हूसी के खिलाफ़ किया जा रहा था,
इस गठबंधन मे अमेरिका, बर्तानिया, फ्रांस की भी मदद हासिल थी 

हिन्दुस्तान समेत 20 मुल्को पे आने की पाबंदी

 हिन्दुस्तान समेत 20 मुल्को पे आने की पाबंदी



सऊदी अरब की तरफ से आने पर पाबंदी लगा दी है
इसमें सऊदी शहारी और कोरोना यूद्धा और अमबेसडर को आने जाने पे कोई रूक नहीं लगायी है,
सऊदी के सवास्थ मंत्री तुफ़ीकुल राबिया की तरफ से ये फैसला लिया गया है की अगर सऊदी शहरी और यहाँ के रहने वाले लोग ने सेहत के हवाले से लापरवाई की तो उनपे शखती की जाएगी,
सऊदी अरब खालीज़ मुल्को मे कोरोना वाइरस के सबसे ज़्यादा कैसेस पाय जाने वाला मुकल है 

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