Ticker

10/recent/ticker-posts

दिल्ली में आज और कल भीषण ठंड की चेतावनी, दो जनवरी तक छाया रहेगा घना कोहरा







दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और आसपास के इलाकों में शनिवार और रविवार को भीषण ठंड पड़ सकती है। मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में दो जनवरी तक घना से बहुत घना कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया है। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी दिल्ली समेत उत्तर भारत में घना कोहरा छाया रहा। इसके चलते 250 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हुईं, जिनमें अकेले दिल्ली में 238 फ्लाइट शामिल हैं।





वही हीं, 125 से ज्यादा ट्रेनों के संचालन पर भी असर पड़ा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली-एनसीआर के साथ ही पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में कोल्ड डे’ की स्थिति का पूर्वानुमान जताया है।आ





ईएमडी ने 2 जनवरी तक उत्तर भारतीय राज्यों में कोहरे के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। कोल्ड डे तब होता है जब लगातार दो दिन न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे हो और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस कम हो। दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री और अधिकतम तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस रहा।





घने कोहरे से परिवहन सेवाओं पर काफी असर पड़ा है। हालांकि, दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवआईअड्डे पर सुबह के समय दृश्यता मामूली सुधार के साथ 150 मीटर तक पहुंच गई। उड़ानों के आवागमन में देरी तो हुई, लेकिन कोई उड़ान रद्द नहीं हुई। चंडीगढ़ एयरपोर्ट से 14 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।


चीन का एक ऐसा गांव जहां हर परिवार करोड़पति है

 चीन का एक ऐसा गांव जहां हर परिवार करोड़पति है





देखे video


 हम सभी जानते हैं कि दुनिया में कई बच्चों के लिए इस पर विश्वास करना मुश्किल होता है। चीन से काइल आया वेज पूरी दुनिया में जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने एक समिति का गठन किया और सामूहिक खेती को प्रोत्साहित किया

 देश अपने विभिन्न गुणों के लिए जाने जाते हैं। भले ही हम जहां हैं, वहां हर कोई करोड़पति है। इस गांव में हेलिकॉप्टर ब्लू और टीम पार्क भी मौजूद हैं। प्रोत्साहन का

 चीन की बात करें तो पता चलता है कि यमलिक यहां हर सेक्टर में एक गांव है जो दूसरों की रिपोर्ट के मुताबिक है। गाँव रोशनी और हवाओं से जगमगा रहा है।वर्तमान में, गाँव कुछ मिलियन-डॉलर की कंपनियों का घर है।

 आगे है यह देश न केवल जनसंख्या के मामले में बल्कि सुपर वेज कहे जाने वाले में भी है, किसी व्यक्ति के खाते के ऊपर से हेलीकॉप्टर उड़ते हुए देखना आम बात है। यह बड़ी तेल और शिपिंग कंपनियों के मामले में माना जाता है

 प्रौद्योगिकी और विभिन्न अन्य क्षेत्रों में, मेरे पास अन्य देशों से 1.5 करोड़ रुपये से अधिक है। अंग्रेज ऐसा नहीं हैं कि यह गांव हमेशा से अमीर रहा है, एक जमाना था। कहा जाता है कि कल के ज्यादातर घर ऐसे ही रहेंगे

 बहुत आगे नहीं। डेली मेल के मुताबिक इस गांव के नागरिक ही नहीं, इस गांव के लोग हमेशा से बेहद गरीब रहे हैं. इस घर के अंदर कई कमरे हैं

 अन्य देशों के गांवों की तुलना में गांव में आरामदायक घर और छाती वाहन भी हैं

 गांव को सफलता के शिखर पर पहुंचाने का श्रेय किसी पहाड़ी से कम नहीं है। एडी में, गांव के लोग

 आगे हैं। हाल ही में चीनी चीन के जिआंगसु प्रांत के वाक्षी गांव गए थे।

 सबसे अमीर गांव कहे जाने वाले गांव के बारे में ऐसा ही मामला सामने आया है. मेगा चीन का सुपर है। रीना ने ही गांव के विकास का नक्शा तैयार किया और इसकी नौवीं वर्षगांठ मनाई।

आज़ाद न्यूज़ नेटवर्क 

आग लगने के बाद डूबा ईरान का सबसे बड़ा जहाज

 आग लगने के बाद डूबा ईरान का सबसे बड़ा जहाज






तेहरान (इसका) मंगलवार और बुधवार के बीच

 कानो में रात में एक बड़ा ईरानी जहाज

 आग लगने के बाद डूब गया।  अतीत

 खरग रुखारक नाम का यह जहाज 3 घंटे से चल रहा है

 बचाव के सारे प्रयास विफल रहे।  यूके का

 जहाज में आग लगा दी गई थी

 कारणों की जांच की जा रही है।  स्वेटर से

 ईरान के लिए उनका महत्व और भी महत्वपूर्ण है

 मेल हो गया और ईरान का सबसे

 पूरे जहाज ने समुद्र में अन्य जहाजों की मदद की और टार्ग को बचाने का मिशन विफल हो गया, जो अंतरराष्ट्रीय जल में एक प्रशिक्षण मिशन पर था।  ईरानी शिक्षक

 ईरानी नौसेना द्वारा जारी एक ने उसी वर्ष ब्रिटेन से जहाज खरीदा था।  प्रशिक्षण, एजेंसी और प्रतिक्रिया पर ध्यान दें

 बयान के अनुसार, उस समय पश्चिमी समर्थित ईरानी रेजा शाह पहलवी ओमान की खाड़ी में बंदरगाह बैंक से थे।  यह जहाज जास्क के पास दिया गया है

 ईरानी राज्य टेलीविजन पर प्रसारित एक वीडियो में, होर्मुज जलडमरूमध्य के लिए दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण शिपमेंट, जिसे बातचीत के बाद 1967 में ईरान को दिया गया था,

 यह देखा जा सकता है कि विमान जल रहा था और काला धुआं इसलिए था क्योंकि इसे ईस्वी सन् में ईरानी क्रांति के बाद मार्ग घोषित किया गया था।  ईरान के लिए जास्क क्षेत्र

 मैं उठ रहा हूं  बिना किसी और विवरण के ईरान में एक नई सरकार का गठन किया गया था।  क्या मायने रखता है कि ईरान यहां क्यों क्लिक करता है

 बताया जा रहा है कि एक विमान में आग लग गई।

 जहाज का नाम क्या था?

 दूसरा खराब तेल निर्यात टर्मिनल बनाना चाहता है।  अब क

 ईरानी अधिकारियों ने घंटों आग बुझाई

 कोशिश की लेकिन असफल रहा, और जेरेमी बेनी के अनुसार, खड़ग ने घोषणा की कि वह ईरान में बेहद सक्रिय था,

 बाद में विमान डूब गया।  हालाँकि, इस अवधि के दौरान चार प्रमुख जहाज थे, क्योंकि ईरानी युद्धपोत प्रतिकारक हैं।  इस तरह ईरान ने बनाया अपना कल

 सभी कर्मचारियों को हटा लिया गया है।  बकरी की आपूर्ति के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली एकमात्र चीज निर्यात के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य में एक नया जोड़ है।

 बयान में कहा गया है कि आग तेजी से फैल रही थी।  उधर, ईरान ने कहा है कि इस जहाज ने रास्ता तैयार कर लिया है।

इस साल गौतम अडानी की संपत्ति में हर घंटे 75 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है

 

 इस साल गौतम अडानी की संपत्ति में हर घंटे 75 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है






 साल के पहले 5 दिनों में कुल वैभव में रु.

 लोगों की आय का सौ फीसदी

 1

 नई दिल्ली (एनी) चीन के सूचकांक के अनुसार कुछ ही दिनों में आडवाणी के

 जोंग शेन शेन के अलावा एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी थे।

 सबसे अमीर भारतीय उद्योगपति की संपत्ति 2,000 करोड़ रुपये से भी कम है।  भारतीय गतिविधि की निगरानी के लिए केंद्र

 एक तरफ कोरोना महामारी के चलते अनाई की परंपरा

 ई. ओलेश व्यास कोरोना महामारी के दौरान

 इस साल, 2% भारतीयों ने मुद्रास्फीति में तेज वृद्धि का हवाला देते हुए अपनी आय में गिरावट देखी है।

 एके डाउन के मुताबिक साल की शुरुआत में अदानी की संपत्ति 5 फीसदी है।

 इसके बावजूद इसमें हर घंटे 3 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।  यानी भारतीयों की आय में कमी आई है।  जो अपने

 सर्वेक्षण के अनुसार, रु

 बढ़ गया है।  कमाया है  लगभग साल-दर-साल आय और वर्तमान आय एक साल पहले अप्रैल में

 ब्लूमबर्ग के गौतम अडानी की कुल संपत्ति रु।  मुझसे पूछा जाता तो सिर्फ 3% ही कहते

 10 करोड़ की उम्र में उन्होंने बी फॉर्म को अधूरा छोड़ दिया और कहा कि अडानी पहले से बेहतर हैं।  3%

 इसका उत्तर यह है कि एक साल पहले की तुलना में

 जहां वह पहले हीरा कारोबारी से काफी बेहतर हैं।  उन्होंने कहा कि ख्वामी

 महेंद्र ब्रा में कारोबार किया।  साकी साफिया अपने प्रमुख कार्य में असाधारण रही हैं।

फ़िलिस्तीनी रॉकेटों और इस्राईली आयरन डोम के टकराव में कौन किस पर भारी? विशेषज्ञों की राय क्या है?

 



इस्राईल और ग़ज्ज़ा के बीच जारी लड़ाई में सबसे ज़्यादा ध्यान अगर किसी चीज़ ने अपनी ओर खींचा है तो वह है फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी गुटों द्वारा रॉकेटों की बारिश और उनका मुक़ाबला करने वाला इस्राईल का एंटी मिसाइल सिस्टम आयरन डोम।

इस दौरान ग़ज्ज़ा स्थित फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी गुटों ने क़रीब 3,000 रॉकेट इस्राईली ठिकानों पर फ़ायर किए हैं। हालांकि इनमें से अकसर अन-गाइडेड मिसाइल थे, इसके बावजूद उनमें से सैकड़ों रॉकेट आयरन डोम को ग़च्चा देने में सफल रहे और उन्होंने इस्राईली शहरों और कारख़ानों में भारी तबाही मचाई।

आयरन डोम की क्षमता के बारे में विशषज्ञों की अलग-अलग राय है, कुछ इसे बहुत ही सफल एंटी मिसाइल सिस्टम बताते हैं, तो कुछ अन्य की राय में इसकी मारक क्षमता ज़्यादा नहीं है, ख़ास तौर पर इसकी असली परीक्षा उस वक़्त होगी, जब इसे आधुनिक गाइडेड मिसाइलों का सामना करना पड़ेगा।

पश्चिमी मीडिया द्वारा आयरन डोम की तारीफ़ों में पुल बांधने के बावजूद, पिछले हफ़्ते से जारी लड़ाई के दौरान इस्राईल में सभी मौतें, फ़िलिस्तीनी रॉकेट हमलों के कारण हुई हैं।

वहीं इस सिस्टम की वकालत करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह नहीं होता तो इस्राईल में मौतों का आंकड़ा कहीं ज़्यादा होता और बड़े पैमाने पर तबाही होती।

मंगल पर ‘डायनासोर’! लाल ग्रह पर NASA Perseverance Rover को मिली अजीबोगरीब चीजें, देखें तस्वीरें

 मंगल पर ‘डायनासोर’! लाल ग्रह पर NASA Perseverance Rover को मिली अजीबोगरीब चीजें, देखें तस्वीरें






NASA के रोवर ने जो तस्वीर ली है, वह दिखने में बिल्कुल डायनासोर की एक प्रजाति 'ब्रैकियोसौरस' जैसा दिख रही है

Mars (1

मंगल ग्रह का अध्ययन करने में लगा हुआ है NASA

Subscribe to Notifications Subscribe to Notifications

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का परसेवेरेंस रोवर मंगल ग्रह को करीब से जानने के प्रयासों में जुटा हुआ है. जब से यह रोवर लाल ग्रह पर लैंड हुआ है, तभी से वह वहां के पत्थरों का अध्ययन करने में लगा हुआ है. इसी कोशिश में रोवर ने कुछ ऐसी तस्वीरें भी खींची हैं, जिसे देखकर आपकी हंसी छूट जाएगी. एक पत्थर की तस्वीर तो देखने में किसी डायनासोर जैसी लग रही है. (NASA Perseverance Rover took funny looking pictures of Rocks o

CNET की रिपोर्ट के अनुसार नासा के रोवर ने एक पत्थर की तस्वीर ली है, जो दिखने में बिल्कुल डायनासोर की एक प्रजाति ‘ब्रैकियोसौरस’ जैसा दिख रहा है. ये डायनासोर 15.4 से 15.3 करोड़ साल पहले उत्तरी अमेरिका में पाए जाते थे. NASA-JPL के डाटा का अध्ययन करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर केविन गिल ने ट्विटर पर ये तस्वीरें शेयर की हैं.

कई तस्वीरें ऐसी, जिसे देख छूट जाएंगी हंसी

सिर्फ केविन गिल ही नहीं बल्कि कई अन्य लोगों ने भी रोवर द्वारा मंगल ग्रह पर ली गई तस्वीरें साझा की हैं. अंतरिक्ष मामलों के लेख जेसन मेजर ने एक तस्वीर साझा की है जो इंसानी शरीर के एक हिस्से से मिलती-जुलती है. इसे उन्होंने ‘Butt Rock’ का नाम दिया है. इस तस्वीर पर लोग सोशल मीडिया काफी फनी कमेंट कर रहे हैं. यह तस्वीर फरवरी में ली गई थी.

मंगल के वातावरण का अध्ययन कर रहा नासा

दरअसल नासा का परसेवेरेंस रोवर मंगल ग्रह के वातावरण को समझने की कोशिश में जुटा हुआ है. रोवर लगातार लाल ग्रह के पत्थरों की तस्वीरें लेकर उनकी समीक्षा कर रहा है. परसेवेरेंस यह जानना चाहता है कि आखिर ये चट्टानें कैसे बनी हैं. इसके जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि क्या कभी मंगल ग्रह पर जीवन था या नहीं. नासा ने यह भी पाया है कि इन चट्टानों में प्राचीन जीवन के केमिकल ट्रेस भी छिपे हैं.

योमूल क़ुदस यानी इजराईल के ज़ुल्म के खिलाफ़ प्रदर्शन

योमूल क़ुदस यानी इजराईल के ज़ुल्म के खिलाफ़ प्रदर्शन







क़ुद्स की तारीख़ समझने के लिए सबसे पहले हमें यह पता होना ज़रूरी है कि ईरान में सन 1979 में इस्लामी इन्क़लाब के रहबर हज़रत आयतुल्लाह इमाम ख़ुमैनी साहब ने यह एलान किया था कि माहे रमज़ान के अलविदा जुमे को सारी दुनिया *क़ुद्स दिवस* की शक्ल में मनाएं।


दरअसल क़ुद्स का सीधा राब्ता मुसलमानों के क़िब्ला ए अव्वल बैतूल मुक़द्दस यानी मस्जिदे अक़्सा जो कि फ़िलिस्तीन में है, उसपर इस्राईल ने आज से 73 साल पहले तक़रीबन सन 1948 में नाजायज़ कब्ज़ा कर लिया था जो आज तक क़ायम है। इस्लामी तारीख़ के मुताबिक़ ख़ानए काबा से पहले मस्जिदे अक़्सा ही मुसलमानों का क़िब्ला हुआ करती थी और सारी दुनिया के मुसलमान बैतूल मुक़द्दस की तरफ़ (चौदह साल तक) रुख़ करके नमाज़ पढ़ते थे, उसके बाद ख़ुदा के हुक्म से क़िब्ला बैतूल मुक़द्दस से बदल कर ख़ानए काबा कर दिया गया था जो अभी भी मौजूदा क़िब्ला है। तारीख़ के मुताबिक़ मस्जिदे अक़्सा सिर्फ़ पहला क़िब्ला ही नहीं बल्कि कुछ और वजह से भी मुसलमानों के लिए खास और अहम है। रसूले ख़ुदा (स) अपनी ज़िन्दगी में मस्जिदे अक़्सा तशरीफ़ ले गए थे और वही से आप मेराज पर गए थे। इसी तरह इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) के हवाले से हदीस में मिलता है कि आप फ़रमाते है: मस्जिदे अक़्सा इस्लाम की एक बहुत अहम मस्जिद है और यहां पर नमाज़ और इबादत करने का बहुत सवाब है। बहुत ही अफ़सोस की बात है कि यह मस्जिद आज ज़ालिम यहूदियों के नाजायज़ क़ब्ज़े में है।


इसकी शुरुवात सबसे पहले सन 1917 में हुई जब ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री जेम्स बिल्फौर ने फ़िलिस्तीन में एक यहूदी मुल्क़ बनाने की पेशकश रखी और कहा कि इस काम में लंदन पूरी तरह से मदद करेगा और उसके बाद हुआ भी यही कि धीरे धीरे दुनिया भर के यहूदियों को फ़िलिस्तीन पहुंचाया जाने लगा और बिलआख़िर 15 मई सन 1948 में इस्राईल को एक यहूदी देश की शक्ल में मंजूरी दे दी गई और दुनिया में पहली बार इस्राईल नाम का एक नजीस यहूदी मुल्क़ वजूद में आया। इसके बाद इस्राईल और अरब मुल्क़ों के दरमियान बहुत सी जंगे हुई मगर अरब मुल्क़ हार गए और काफ़ी जान माल का नुक़सान हो जाने और अपनी राज गद्दियां बचाने के ख़ौफ़ से सारे अरब मुल्क़ ख़ामोश हो गए और उनकी ख़ामोशी को अरब मुल्क़ों की तरफ़ से हरी झंडी भी मान लिया गया। जब सारे अरब मुल्क़ थक हार कर अपने मफ़ाद के ख़ातिर ख़ामोश हो गए तो ऐसे हालात में फिर वह मुजाहिदे मर्दे मैदान खड़ा हुआ जिसे दुनिया रूहुल्लाह अल मूसवी, इमाम ख़ुमैनी के नाम से जानती है।


तक़रीबन सन 1979 में इमाम ख़ुमैनी साहब ने नाजायज़ इस्राईली हुकूमत के मुक़ाबले में बैतूल मुक़द्दस की आज़ादी के लिए माहे रमज़ान के आख़िरी अलविदा जुमे को *यौमे क़ुद्स* का नाम दिया और अपने अहम पैग़ाम में आपने यह एलान किया और तक़रीबन सभी मुस्लिम और अरब हुकूमतों के साथ साथ पूरी दुनिया को इस्राईली फ़ित्ने के बारे में आगाह किया और सारी दुनिया के मुसलमानों से अपील की कि वह इस नाजायज़ क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ आपस में एकजुट हो जाएं और हर साल रमज़ान के अलविदा जुमे को *यौमे क़ुद्स* मनाएं और मुसलमानों के इस्लामी क़ानूनों और उनके हुक़ूक़ के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करें। जहां इमाम ख़ुमैनी ने *यौमे क़ुद्स* को इस्लाम के ज़िंदा होने का दिन क़रार दिया वहीं आपके अलावा बहुत से और दीगर आयतुल्लाह और इस्लामी उलमा ने भी *यौमे क़ुद्स* को तमाम मुसलमानों की इस्लामी ज़िम्मेदारी क़रार दी। लिहाज़ा सन 1979 में इमाम ख़ुमैनी साहब के इसी एलान के बाद से आज तक न सिर्फ़ भारत बल्कि सारी दुनिया के तमाम मुल्क़ों में जहां जहां भी मुसलमान, ख़ास तौर पर शिया मुस्लिम रहते है, वह माहे रमज़ान के अलविदा जुमे को मस्जिदे अक़्सा और फ़िलिस्तीनियों की आज़ादी के लिए एहतजाज करते हैं और रैलियां निकालते हैं।


हमे यह भी मालूम होना चाहिए कि आज तक फ़िलिस्तीनी अपनी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं और जद्दोजहद कर रहे हैं और इस्राईल अपनी भरपूर ज़ालिम शैतानी ताक़त से उनको कुचलता आ रहा है, जब हम अपने घर में पुर सुकून होकर रोज़ा इफ़्तार करते हैं उस वक़्त उसी फ़िलिस्तीन में हज़ारों मुसलमान इस्राईली बमों का निशाना बनते हैं, उनकी इज़्ज़त और नामूस के साथ ज़ुल्म किया जाता है और यह सब आज तक जारी है और इस ज़ुल्म पर सारी दुनिया के मुमालिक ख़ामोश है, क्योंकि इस्राईल को अमरीका और लंदन का साथ मिला हुआ है। 


इस साल दुनिया भर में लॉकडाउन की वजह से नमाज़े जुमा और एहतजाजी रैलियां मुमकिन नहीं है इसलिए इस बार हमें चाहिए कि इस्राईल के ख़िलाफ़ और बैतूल मुक़द्दस के हक़ में अपनी आवाज़ को ऑनलाइन बुलंद करें और जहां तक जितना मुमकिन हो सके मोमिनीन को इसके बारे में बताएं। 


अल्लाह मज़लूमों के हक़ में हम सबकी दुआओं को क़ुबूल फ़रमाएं और ज़ालिमीन को निस्त व नाबूद करें... इंशा अल्लाह।


इन 10 राज्यों के हालात चिंताजनक

 

इन 10 राज्यों के हालात चिंताजनक



स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि कोरोना (Corona) के नए मामलों में 70.91 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और राजस्थान से सामने आए हैं. इस दौरान महाराष्ट्र से सर्वाधिक 51,880 नए मामले सामने आए. एक दिन में Covid-19 से रिकॉर्ड 3780 लोगों की मौत हुई 

सऊदी अरब के एयरबेस पर यमन का हमला, सऊदी गठबंधन का वरिष्ठ कमांडर ढेर,



यमनी सेना के प्रवक्ता यहया सरी ने रविवार की सुबह बताया है कि यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों की एक संयुक्त कार्यवाही में ड्रोन विमानों ने सऊदी अरब की हवाई छावनी "मलिक ख़ालिद" पर हमला किया और यह हमला सटीक निशाने पर लगा।

लगातार उस जंग मे सऊदी को मुँह की खानी पढ़ रही है, जहा इक तरफ सऊदी दुन्या के सामने अपने आप को मज़लूम दिखाने की कोशिश कर ता है वही दूसरी तरफ यमन को चारो तरफ से घेरने की कोशिश जारी रखे हुए है जिसकी वजह से वहा दवा, और गल्ले की काफ़ी कमी है, और बहुत लोग इस मुसीबत मे घिरे है 

समाचार एजेंसी फ़ार्सी की रिपोर्ट के मुताबिक़, यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता यहया सरी ने रविवार सुबह तड़के घोषणा की कि, यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों ने ख़मीस मशीत इलाक़े में स्थित सऊदी गठबंधन की सबसे महत्वपूर्ण एयरबेस मलिक ख़ालिद को क़ासिफ़-K2 नामक ड्रोन विमानों से निशाना बनाया है। इस जवाबी कार्यवाही में ड्रोन विमान सटीक तरीक़े से अपने लक्ष्यों को निशाना बनाने में कामयाब हुए हैं। इस बीच यह भी सूचना प्राप्त हुई है कि, मारिब प्रांत में यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों के साथ हुई झड़प में सऊदी गठबंधन का एक वरिष्ठ कमांडर और तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश का एक सरग़ना मारा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सऊदी गठबंधन का ब्रिगेडियर जनरल सालेह दरहम अलरेमादी और यमन में आतंकी गुट दाइश के ख़ुफिया विभाग का उप प्रमुख सैफ़ सनआनी मारिब प्रांत में यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियान के दौरान मारे गए हैं।

इस बीच सूचना मिली है कि दक्षिण यमन के अलज़ाले प्रांत में सऊदी अरब के भाड़े के लड़ाकों द्वारा की जा रही एक साज़िश को यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों ने नाकाम बना दिया है। समाचार चैनल अलमसीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, यमनी सेना के एक अधिकारी ने बताया है कि, दसियों सऊदी एजेंट शनिवार की रात दक्षिण यमन के अलज़ाले प्रांत के अलफ़ाख़िर और हबिया अलअबदी इलाक़े में घुसने का प्रयास कर रहे थे कि यमनी सेना ने स्वयंसेवी बलों के साथ मिलकर सऊदी अरब के भाड़े के लड़ाकों की साज़िश को नाकाम बना दिया। यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों की इस कार्यवाही में दसियों सऊदी एजेंट मारे गए और घायल हुए हैं

अगर आप इन बैंको के ख़ाता ग्राहक है तो जल्दी कीजिए

 अपने नए PIF में कोड प्राप्त करें






 लीक्स को वर्तमान में 1 अप्रैल को खाताधारक हिलकान में विलय कर दिया गया था।

 दोनों बैंक कोडिंग कर रहे हैं। वर्क पैक के लिए PS को निपटाना मुश्किल है

 राहेल

 सिनारा बैंक यू यूनियन बैंड

 ए

 युकी बैंक

 ना Wir

 भारतीय बैंक

 यूको बैंक

 के लिए

 विजय बंक

 वेनबैंक

 DEAK BAIK


 क्रांति समाचार के बाद सुनिए): बैंकों की वर्णमाला इन टीलों की हवा है

 विलय के बाद कोई बदलाव

 इससे खाताधारक परेशान हैं।

 लिबक का नाम

 वैसे, वर्तमान में पुराने बैंक का IFSC कोड ओरल बैंक ऑफ कर्मिट और यूनाइटेड है।

 एमआईसीआर कोड आईएनएस कोज

 और पाक पंजाब नेशनल बैंक में बैंक ऑफ इंडिया का बदला लेने की स्वीकार्य लेकिन जल्दबाजी की व्यवस्था है

 Actrium ID को आंशिक रूप से बदल दिया गया है

 पूर्ण परिवर्तन होगा।  इसलिए, Klarar में Klar स्टेट बैंक का विलय

 उपभोक्ता क्या कहते हैं

 जितनी जल्दी हो सके, IF Kalm Veena और Vijay Bank का बड़ौदा से विदा ली

 IFI या कोड अब बदल गया है

 एस का कोड पता करें, उन्हें नहीं, बल्कि धर्म में

 अभी तक मुझे कोई समस्या नहीं हुई है।  हां लेकिन पीछे

 मुझे दिक्कत होने वाली है।

 यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिछले साल 1 अप्रैल को

 फिल्म 'अंधेर एक और निगम पैक' का बदला

 लोगों ने कहा कि जल्द ही व्यवस्था बदलने वाली है।

 एशियन बैंक ऑफ इंडिया में

 इन पर और लालपुर कोड और खाता अद्यतन किया जाना चाहिए।

 एर्बिल का अन्य बैंकों में विलय हो गया

 देवी पहलौटी

 इलाहाबाद वन का भारतीय बैंक में विलय हो गया

 जा चुका था।  अब एक साल हो गया है।  उसके

 बायोग्राफी के नाम अभी भी पूरी तरह से ट्रैक पर हैं।  इसके अलावा, ग्राहकों के अनुसार, बैंकों का कारण।  यह

 इसके अलावा कई बैंकों में फिर से

 स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान

 नहीं मिला  प्रतिशोध के दौरान, यह कहा गया था कि चाड फ़रीदीन को लोगों को एक डिमांड ड्राफ्ट बनाना था क्योंकि उन्हें ईकेवाई दिया गया था क्योंकि विधि की व्याख्या नहीं की गई थी

 , एक गातो ने कसाब को पाया

 राज्य के भीतर भी व्यवस्था की जाएगी, अधिक सामना किया जा रहा है।  परेशानी हो रही है।  कई उपयोगकर्ताओं की प्रणाली में बदलाव हुआ है

 लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।  नई व्यवस्था का

 शिकायत करता है कि समस्या के स्थायी समाधान के रूप में एकीकरण के बाद एटी मौजूद नहीं है।

 खाताधारकों के बैंकों के नाम पर, i

 IFSB कोड बदलने के बाद उपयोगकर्ता M का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

 विनोद सोनकर इलाहाबाद एक रॉबर्टसन

 बैंक स्रोत के माध्यम से एनएससी कोड, एमआईसी आर्कोड और उपभोक्ता आईडी को रिपोर्ट किया गया

 एक सॉफ्टवेयर मुद्दे पर काम किया जा रहा है

 क्या है जिम्मेदार?

 बदल गया है  लेकिन कोर बेकिंग समाधान का एकीकरण हो गया है।  लेकिन जिन उपभोक्ताओं को केवाईसी पूर्ण बैंकों के विलय में सबसे बड़े वित्तीय बी बैंकों के विलय से कुछ समस्याएं हैं

 चूंकि तकनीक की मदद से बैंकिंग प्रणाली विकसित नहीं की गई थी, इसलिए वे समस्याओं का सामना कर रहे हैं।  का (कोर बेकिंग सॉल्यूशन)।  एक के पीछे एक।  कर रही है

 आ रहा है।

 यह एक संघर्ष है।  इसलिए, इन बैंकों के हजारों ग्राहक, उनके अलावा, खाताधारक जो अपने स्वयं के सॉफ़्टवेयर पर काम करने वाली कंपनी में काम करते हैं।  उपभोक्ताओं को भी जाग्रत किया जा रहा है।  ताकि उनके

 इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।  वे करते हैं, IFSC कोड बदलने के बाद, अब उनके लॉन को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।  पहले जैसी समस्या थी।  शीघ्र

 मेरे पास बैकअप अपडेट, एफडी क्लोजर, मोबाइल हैं, उन्हें मेरे बैंक से संबंधित जानकारी के साथ अपडेट करना। एक वर्ष के बाद, ऐसे कई बैंकों में भी व्यवस्था की जाएगी।

 इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम की समस्या

 उन लोगों के लिए भी एक समस्या है जिनके पास सॉफ्टवेयर की समस्या है।

 

चीन ने किस तरह कोरोना वायरस को किया क़ाबूः भारत के लिए केन्द्र द्वारा तय्यार योजना और लोकल स्तर पर ऐक्शन के लिए सबक








चीन ने किस तरह कोरोना वायरस को किया क़ाबूः भारत के लिए केन्द्र द्वारा तय्यार योजना और लोकल स्तर पर ऐक्शन के लिए सबक

चीन ने किस तरह कोरोना वायरस को किया क़ाबूः भारत के लिए केन्द्र द्वारा तय्यार योजना और लोकल स्तर पर ऐक्शन के लिए सबक़

ज़मीनी स्तर पर सबसे बड़ा योगदान आवासीय कमेटियों या रेज़िडेन्शल कमेटीज़ ने दिया।


20 अप्रैल को राष्ट्र के नाम संबोधन में भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को छोटी छोटी कमेटियाँ बनाने के लिए प्रेरित किया ताकि उसके ज़रिए कोविड-19 को क़ाबू करने के लिए अपनायी जाने वाली एहतियात के पालन को सुनिश्चित करें। उन्होंने राज्यों पर भी यह ज़िम्मेदारी डाली कि वे लॉकडाउन और दूसरे उपाय के लिए ख़ुद फ़ैसला करें। इस तरह केन्द्र सरकार ने विकेन्द्रित फ़ैसला लेने की नीति अपनायी जो पहली लहर की शैली के ख़िलाफ़ है। यह तो वक़्त आने पर पता चलेगा कि यह सही अप्रोच थी या नहीं। नीति बनाने वाले सामुदायिक संघटन इस वायरस पर जीत के अनुभव से सीख ले सकते हैं। आबादी की नज़र से भारत से तुलना पाने वाले चीन ने कोविड-19 को ज़्यादा तेज़ रफ़्तार से क़ाबू किया।


यह पैन्डेमिक, जो 2008 के सार्स संकट जैसी है, चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के वजूद की वैधता को बड़ी चुनौती दे सकती थी। इसलिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस चुनौती से निपटने के लिए सभी स्रोतों को इस्तेमाल किया।


ज़मीनी स्तर पर सबसे बड़ा योगदान आवासीय कमेटियों या रेज़िडेन्शल कमेटीज़ ने दिया। हालांकि ये कमेटियाँ न तो राज्य का भाग हैं और न ही इन्हें आत्म संचालन के संस्थागत वजूद के रूप में परिभाषित किया गया है, लेकिन इसके बावजदू, ये कमेटियाँ चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रभावी शासन और राजनैतिक नियंत्रण के औज़ार की तरह हैं।


चीन में जब कोविड-19 पैन्डेमिक फूटा था, शुरू के कुछ दिन छोड़ जब लोग ख़ुद से उपाय कर रहे थे, इस कमेटी ने ज़िम्मेदारी संभाली। मिसाल के तौर पर वुहान में 7148 सामुदायिक इकाइयों को निष्कृय बना दिया गया।


रेज़िडेन्शल कमेटीज़ आरसी या आवासीय कमेटियों के कार्यकर्ताओं ने घरों में रह रहे बुज़र्गों या ख़ुद से क्वारन्टीन कर रहे लोगों को हर दिन खाने की ज़रूरी चीज़ें पहुंचायीं। लोगों के संपर्क को ट्रेस करना, हर आने वाले व्यक्ति का रेकॉर्ड रखना, मरीज़ लोगों को सामुदायिक प्रबंधन में रखना और उन्हें क्वारंटीन के लिए नामित मेडिकल फ़ैसिलिटीज़ पहुंचाना भी इसके काम में शामिल था। बड़ी तादाद में युवाओं, कॉलेज स्टूडेंट्स और कभी कभी पार्टी के सदस्यों ने रेज़िडेन्शन कमेटीज़ में अपनी सेवाएं दीं। यह मॉडल पूरे चीन में अपनाया गया।


चुनौतियों के बावजूद पैन्डेमिक पर सफलता के साथ क़ाबू पाया गया और वूहान सहित चीन में दूसरी जगहों पर जश्न की तस्वीरों से दूसरों में बहुत उम्मीद जगी। इस बात में शक नहीं कि भारत की हालत ज़्यादा निराशाजनक है। सवाल यह पैदा होता है कि क्या चीन का मॉडल भारत की मौज़ूदा ख़तरनाक स्थिति के लिए सही विकल्प हैॽ बहुत से शहरी इलाक़ों में आवासीय संस्थाएं और स्थानीय प्रशासन है जो चीन की रेज़िडेन्शन कमेटीज़ की तरह क़दम उठा सकता है। हालांकि यह, केन्द्र द्वारा बनाए गए ऐक्शन प्लान के बिना सफल नहीं हो सकता, यही इस मॉडल का मुख्य आयाम है।


कोविड-19 पैन्डेमिक के स्वरूप के मद्देनज़र, केन्द्रीय नेतृत्व वक़्त का तक़ाज़ा है, जो पूरे देश में उपायों को समन्वित करे। समसे अहम बिन्दु यह है कि राजनैतिक आक़ा, ख़ुद मिसाल क़ायम करें। चुनावी फ़ायदे के लिए सामाजिक दूरी के मानदंड का मज़ाक़ उड़ाते हुए रैलियाँ करने से लोगों में, भरोसा पैदा नहीं होगा, जो पैन्डेमिक और आर्थिक तबाही की चक्की के दोनों पाट में पिस रहे हैं। (

वैक्सीन टीका कोरोनावायरस का दूसरा रूप के प्रभाव को कम करने में मदद करता है: IMR

 वैक्सीन टीका कोरोनावायरस का दूसरा रूप के 

 प्रभाव को कम करने में मदद करता है: icmr






 वाई वली, हैदराबाद (UNI) हैदराबाद की शक्ति तेजी से बढ़ रही है।  पिछले 3 घंटों में

 भारत बनवी कंपनी द्वारा निर्मित कोरोना के कोरोना में देश भर से गंभीर आँकड़े हैं

 फिर से, वैक्सीन सभी OV-3R टीकों के लिए उपलब्ध है।  अगर देश में 3 मिलियन लोग इस वायरस से संक्रमित हैं

 दूसरे और अन्य रूपों ने प्रभाव को कम करने में मदद की है।  उनमें से वैक्सीन उद्योग है

 मिला था।  इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रेसर्स (ICM) को कुछ सुकून देने वाली खबरें मिली हैं

 MR) यह कहा।  अगर मिरत पांडची ई के एक अध्ययन का दावा है कि भारत बाहर एक है

 द डोमोलॉजी एंड सेल डिजीज डिविजन ने एक्सॉन कोरोना में कई उत्परिवर्तन के लिए आईसीएम को जिम्मेदार माना होगा।

 "बी अच्छी खबर है और उम्मीद है कि एक और," आर ने कहा।  टीकाकरण अभियान के बीच में, ICMR ने एक लॉन्च किया

 प्रत्येक के दौरान सार्वजनिक अशांति कम होगी।  द क्विक्सन स्टडी का एक उत्साहजनक इतिहास है।

 चिंता के अन्य रूपों के साथ, डेल ने पाया कि भारत का बायोटेक वैक्सीन कोरोना है

 उत्परिवर्तनों को त्वचा पर धक्कों की उपस्थिति को कम करने में मदद करने के लिए दिखाया गया है।  आया

 है।  ICMR नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी YMR के एक अध्ययन के अनुसार, वैक्सीन

 वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने पृथक ब्रिटिश, ब्राजील और अफ्रीकी कशेरुकियों को हराया है

 होकर ने डेल उत्परिवर्ती रूप का विश्लेषण किया।  ICMRK में काम करता है।  इतना ही नहीं, यह डेल म्यूटेंट है

 वैज्ञानिकों का कहना है कि NIV प्रदर्शित खतरे को भी दूर करता है।  उल्लेखनीय है कि भारत

 इसलिए कोरोना के कई म्यूटेंट अब नए रूप में ईविल और प्राण अली वायरस में सक्रिय हैं।

 के खिलाफ टीके की क्षमता का परीक्षण करने में सक्षम होना।  दक्षिण ब्रिटेन, ब्राजील, अफ्रीकी तनाव से जुड़ा

 एक नया अफ्रीकी कर्नेल बीज विकसित किया गया था।  भारत में मामले पहले ही मिल चुके हैं।

 पिछले कुछ दिनों में, 1 मई से, यह पता चला था कि भारत अब भारत है

 टीकाकरण के तीसरे चरण के बारे में ट्वीट में एक देसी संस्करण विकसित किया गया है, जिसमें से अधिकांश

 भी किया  यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत में बंगाल में अधिकांश कोरोना वायरस गैसों का पता चला है।

केंद्रीय मंत्री को ट्विटर पर मदद की अपील करनी पड़ी

 केंद्रीय मंत्री को ट्विटर पर मदद की अपील करनी पड़ी



 उत्तर प्रदेश आपातकालीन हेल्पलाइन और गैर-हेल्पलाइन या सोशल मीडिया से संपर्क करने की सलाह।

 जब ट्विटर पर यह प्रक्रिया दी जाएगी तो आम लोगों का क्या होगा?

 राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था विफल हो रही है।

 प्रबंधन करने में असमर्थ।  

 रिश्तेदार के लिए अस्पताल का बिस्तर पाने के लिए ट्विटर

 वह बीजेपी सांसद भी थे और वहां कैन्द्र मंत्री भी है,

 बेड की मदद के लिए अपील करनी पड़ी है। 

 जेपी सिंह बी जे पी सांसद भी है संसद और केंद्रीय राज्य मंत्री वी।

 कृपया इसे देखें फिर थोड़ी देर बाद देखें

 के सिंह ने रविवार को जेपीने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा

 जिला मजिस्ट्रेट, नाज़ियाबाद आपसे तुरंत बात करते हैं

 कृपया हमारे भाई कोरोना की मदद करें

 चैटिंग

 उपचार के लिए इक बेड की जरूरत होती है

 बाद में सोशल मीडिया पर, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ज़बरदस्त रद्दे अमल किया । लोगों का कहना था कि जब एक केंद्र मंत्री की यह हालत है तो आम जनता की हालत क्या होगी जब एक केंद्र मंत्री को अपने रिश्तेदार के लिए बैठ के लिए ट्विटर पर ट्वीट करना पड़ सकता है तो फिर आम जनता राम भरोसे ही है, जिससे अभाव में दुख भी है और भी है गुस्सा भी है 

 व्यक्त किया है  लोग कहते हैं कि जब आपसे अपनी बात करने के लिए कहा जाता है, भले ही आप केंद्रीय मंत्री हों।  उल्लेखनीय है कि आधार डीएम नाजी हैं

 परिवार ट्विटर पर अपने भाई के लिए एक अस्पताल के बिस्तर पाने के लिए covid बेड का अनुरोध कर रहा है। तुत्सराबाद के हैंडल को उनके हैंडल से टैग किया गया है।

 अगर आपको ट्विटर पर मदद के लिएअपील करना पढ़ रहा है तो है, तो आम लोगों की क्या स्थिति है?  कृपया, अंतिम ट्वीट अगस्त को किया गया था।  यूपी में सामग्री

 आम लोगों का क्या होगा?  किसी ने एक ही जानकारी प्रदान करने के लिए लिखा, गाजियाबाद या इसकी प्रणाली की पूर्ण विफलता की पृष्ठभूमि

 वीके सिंह के इस ट्वीट से केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ को उनके किसी भी अस्पताल में आराजकता की व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई।

 अगर ट्विटर पर अपने भाई के लिए ट्वीट करना पढ़ सकता है के लिए पर्याप्त है, तो चलिए कोशिश करते हैं। VK Nigine Javit क्या अटकलें थीं जिसके बाद VK Gah ने ट्वीट किया

 डीएम नजीबाबाद से किसी ने सवाल किए।  मैंने गाजियाबाद डीएम को लीक किया और लखा को हटा दिया।  बाद में उन्होंने ट्वीट किया

 कुछ लोगों ने अपने कांग्रेस अध्यक्ष और पत्नी से कहा कि कृपया जाँच करें और अपने लेखन को साफ़ करें कि उन्होंने अस्पताल में एक बेड के लिए अनुरोध किया था।

 उन्होंने मुझे दूसरों की मदद के लिए भीख मांगना बंद करने को कहा। मेरा भाई और इलाज के लिए, यह मेरे असली भाई के लिए नहीं, बल्कि किसी और के लिए था।

कुम्भ में कोरोना अनियंत्रित







नियरंजनी अखाढ़े के 22 संत कोरिना पॉज़िटिव कल एरेनास में दोस्तों ने प्रधानमंत्री मोदी और सुन्नी समुदाय के सुन्नी समुदाय से अपील की कि वह पूरी तरह से खाएं।जिसे अखाड़े ने परिवार के अंत की घोषणा कीदेश में तुर्की से ब्राउन नई दिल्ली (यूएनआई) कोरोनाजिसके कारण जंग का खतरा काफी बढ़ गया हैफैशन फैल रहा है।  आइए पूरी स्थिति देखेंहै। छापें एक तरल पदार्थ, वैश्विक, विसरित तरीके से प्राप्त की जाती हैं।  सरकार शनिवार को खनन समाप्त करने की घोषणा की।  स्वर्ण अखाड़े काआधिकारिक ज्ञान के अनुसार,भ्रष्टाचार ने अखाड़े पर कब्जा कर लिया है।  पंजाबी अखाड़ा श्रीअप्रैल तक कितने त्योहार चलेंगे?  उनमें सबसे ज्यादा सामाजिक दूरी हैपृथ्वी के हतेन्द्रवी पुरी सहित पांच सुन्नतों को दर्ज किया गया है।  ठीक वहींPASK को बनाए रखने और लागू करने के लिए भी अनुरोध किया गया है।अन्य अखाड़ों में, कोरोटा से सात मौतें हुई हैंहरिद्वार, उत्तराखंड में अप्रैल में एक पुस्तक मेला चल रहा हैसाथ ही, अखाड़े में टार और सुन्नत का कुल लेखन हैब तक जारी रहेगा जब तक लाखों लोग Bomi Istan (L) कर रहे हैं चिकित्सा अधीक्षक डॉ।कर रहे हैं  ऐसा कहा जाता है कि हरिद्वार कोरोटा इसके नए केंद्र के रूप में उभराप्रभावित लोग शुक्रवार को जिले में पाए गए थे।विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है कि पुस्तक मेला नौवां राज्याभिषेक हैऔर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हिंदी में, उत्तराखंड के हरे में फैल सकता है।  हालांकि, राज्य सरकार और राष्ट्र बिश्व सेवकराइड ग्राउंड एरिना आचार्य मंडा लीवर को छोड़करगे (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताउन्होंने फोन पर बात करके सभी संतों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल कीकहते हैं त्योहार पर प्रतिबंध लगाने की कोई जरूरत नहीं है।  हालाँकि, वे पुर प्रशासन के सहयोग के लिए सुन्नी समुदाय कोने जनता से वेरोना में सावधानी बरतने की अपील की है।धन्यवाद  श्री मोदी ने अपील की कि दुशांबे पूरा हो गया हैहाई स्कूल को समर्पित शाही अस्तन के दौरान हरिद्वार में भक्तों के लिए मास्क तो अब चलो पारंपरिक रूप से खाते हैं। यह दुनिया के खिलाफ कार्रवाई करना चाहता है। 







जोता खोरो ने परिवार की समाप्ति की घोषणा की।  जाना  इससे इस संकट से लड़ाई को बल मिला और साही ने बिना किसी दूरी के गंगा के तट पर भटकते देखा।मुझे मजबूत बनाया जाएगा।  मोदी से अनभिज्ञ प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, rya L आचार्य मंड लेश्वर स्वामी आडेश गाई। ओमेश अंगरी के अलावा उन्होंने भी ट्वीट किया, are that हम सम्मानित हैं कि महोत्सव के पुलिस महानिरीक्षकप्रधान मंत्री से बात करने के बाद, इंग्री बी को छोड़कर, आचार्य या मुदलिवर ने फोन पर बात की। संतों की स्वास्थ्य स्थिति अब प्रधानमंत्री की अपील का सम्मान करती है। द प्रोटेक्शन ऑफ लाइफ के एक बयान में कहा गया है कि गर्मियों में फूलों के आयात के प्रयास किए जा रहे थेजैश अंदगरी ने मोदी की अपील का सम्मान करते हुए खोज की। सख्त प्रशासन के साथ हर तरह से सहयोग भी कर रहे हैं।  यह एक बड़ा इनाम है। मेरा समुदाय लोगों से अनुरोध करता है कि अगर ऐसा किया जाता है, तो बिजली की स्थिति का डर है।करोड़ों की स्थिति के मद्देनजर, बड़ी संख्या में शिक्षकों के लिए दिशानिर्देश गोंजाल के अनुसार महान ड्रैगन की जीत के लिए रोना नहीं है।एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, मैंने क्रोएशिया आने और नियमों का पालन करने का वादा किया है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हर युग में उल्लंघन करने वालों का चालान करना संभव नहीं थाबड़ी संख्या में शिक्षकों के लिए, नए कोटर के सिद्धांतों पर किया गया है और अब करुणा के संकट के कारण कुत्ते को किनारे पर रखा गया है।

घातक हथियारों पर सलाति परिषद के सदस्य राज्यों में से डबल स्टैंडर्ड खत्म होना चाहिए। ईरान की मजबूत मांग









 घातक हथियारों पर सलाति परिषद के सदस्य राज्यों में से

 डबल स्टैंडर्ड खत्म होना चाहिए।  ईरान की मजबूत मांग

 तेहरान (आसियान) संयुक्त राष्ट्र में ईरान का स्थायी प्रतिनिधि

 माजिद तख्त-ए-रावनची ने घातक हथियारों के संबंध में सुरक्षा परिषद को संबोधित किया

 उन्होंने सदस्य देशों के दोहरे मानकों की आलोचना की।

 माजिद तख्त-ए-रवानची ने कल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित किया

 घातक हथियारों के अप्रसार पर एक अनौपचारिक बैठक से

 सभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि सामूहिक विनाश के हथियारों की कोई कमी नहीं थी

 उन्हें फैलाना और उन पर प्रतिबंध लगाना एक मानवीय लक्ष्य है जिसे अन्य लोग प्राप्त कर सकते हैं

 इसे देशों के खिलाफ दबाव के रूप में इस्तेमाल किया गया है।  वे

 उन्होंने कहा कि यह स्थिति अब समाप्त होनी चाहिए

 घातक हथियार अब सबसे अनैतिक और अमानवीय हथियार हैं

 संयुक्त राष्ट्र में ईरान की स्थायी उपस्थिति

 और उनके उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और इन अमानवीय हथियारों के प्रतिनिधि माजिद तख्त रावनची हैं

 इनसे छुटकारा पाने का एकमात्र तरीका इन हथियारों को निष्क्रिय करना है।  कड़ी निंदा करता है।  उन्होंने रासायनिक रूप से भी इसका इलाज किया

 उन्होंने कहा कि ईरान रासायनिक हथियारों का शिकार है और एक बार अधिकारों के अधिकार पर कन्वेंशन का सदस्य है।

 फिर उन्होंने किसी भी स्थान पर और किसी भी परिस्थिति में इन हथियारों के उपयोग और निषेध के लिए कहा।

 

Disqus Shortname

sigma-2

Comments system

[blogger][disqus][facebook]

Archive Pages Design$type=blogging$count=7

About Me

Duis autem vel eum iriure dolor in hendrerit in vulputate velit esse molestie consequat, vel illum dolore eu feugiat nulla facilisis at vero eros et accumsan et iusto odio dignissim qui blandit praesent luptatum zzril delenit augue duis.
Read More